भारतीय राजनीति में ऐसा कम ही देखने को मिला है, जब लोकसभा स्पीकर पद के लिए चुनाव हुआ है. 18वीं लोकसभा में स्पीकर पद पर चयन को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाई है. सत्तारूढ़ एनडीए गठबंधन ने वर्तमान लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को फिर से अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों ने के. सुरेश को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए अपना उम्मीदवार बनाया है. दोनों नेताओं का अध्यक्ष पद के लिए प्रस्ताव दाखिल हो चुका है. ऐसे में यह तय माना जा रहा है इस बार लोकसभा में अध्यक्ष पद के लिए बुधवार को वोटिंग होने जा रही है. हालांकि, सदन में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का आसानी से चुनाव जीतना तय माना जा रहा है. आइए आपको बताते हैं ओम बिरला के सामने खड़े हुए के. सुरेश का राजनीतिक सफर...
के. सुरेश का राजनीतिक सफर
केरल की मवेलिकारा लोकसभा सीट से सांसद कोडिकुनिल सुरेश आठवीं बार लोकसभा पहुंचे हैं. वह 1989, 1991, 1996, 1999, 2009, 2014, 2019, 2024 में सांसद चुने गए. हालांकि, साल 1998 और 2004 में वह चुनाव हार गए थे. के. सुरेश कांग्रेस की सरकार के दौरान कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. वह 2012 से 2014 तक राज्य मंत्री थे. पार्टी आलाकमान ने के. सुरेश को 2018 में केरल कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष भी बनाया गया था. वे वह ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी (AICC) के सचिव भी रह चुके हैं. सदन में सबसे अनुभवी सांसद होने के बावजूद सरकार ने उन्हें प्रोटेम स्पीकर नहीं चुना, इस पर विपक्ष ने विरोध भी जताया था.
2024 में CPI उम्मीदवार को हराया
लोकसभा चुनाव 2024 में मवेलिकारा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के सामने सीपीआई नेता चुनाव मैदान में उतरे थे. चुनाव के दौरान इनके बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला. हालांकि, आखिर के. सुरेश की जीत हुई, उन्होंने सीपीआई के उम्मीदवार अरुण कुमार को 10,868 वोटों के अंतर से हराया. के. सुरेश को कुल 3,69,516 वोट मिले. वहीं, अरुण कुमार ने 3,58,648 मत हासिल किए.
लोकसभा स्पीकर पद के लिए पक्ष और विपक्ष की ओर से उम्मीदवारों की घोषणा हो चुकी है. नई सरकार के गठन के बाद लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच यह पहला शक्ति प्रदर्शन होने जा रहा है. हालांकि, नतीजा क्या होगा ये सबको पता है. मंगलवार को ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले ओम बिरला ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। संसद भवन स्थित प्रधानमंत्री कार्यालय में यह मुलाकात हुई.
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