कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को "100 फीसदी अफसोस" है कि जब वह सत्ता में थी तो उसने महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं किया. उन्होंने स्वीकार किया कि यदि उनकी पार्टी ने ओबीसी समुदायों की महिलाओं के लिए कोटा की मांग को स्वीकार कर लिया होता तो यह ऐतिहासिक विधेयक एक दशक पहले ही कानून बन गया होता. इस मांग को पार्टी ने 2010 में खारिज कर दिया था लेकिन अब इसका समर्थन कर रही है.
नए विधेयक के लागू होने में छह साल या उससे ज्यादा की संभावित देरी को लेकर बीजेपी पर निशाना साधने के बाद गांधी ने कहा, "100 फीसदी... (हमें) 100 फीसदी अफसोस है."
आरक्षण के भीतर ओबीसी महिलाओं के लिए कोटे का आह्वान समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय जनता दल ने 2010 में किया था, जब कांग्रेस के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार ने अपना विधेयक पेश किया था. कांग्रेस ने उस मांग को खारिज कर दिया था, जिसके बाद नाराज सपा और राजद ने समर्थन वापस ले लिया था. यह विधेयक, जो पहले ही राज्यसभा से पारित हो चुका था, लोकसभा में कभी नहीं पहुंच सका.
कांग्रेस अब भाजपा के लाए विधेयक की आलोचना कर रही है, क्योंकि यह इसके कार्यान्वयन से पहले जनगणना और परिसीमन या निर्वाचन क्षेत्र की सीमाओं के पुनर्निर्धारण को अनिवार्य करता है. इसका अर्थ है कि 2029 के चुनाव से पहले इसके लागू होने की संभावना नहीं है और संभवतः 2034 तक भी नहीं.
विपक्ष इस देरी के लिए सरकार की निंदा करने के लिए एकजुट है. साथ ही जनगणना और परिसीमन के प्रावधानों को हटाने और कोटा तुरंत लागू करने की मांग कर रहा है.
राहुल गांधी ने कहा, "इसका (जनगणना और परिसीमन प्रावधान) मतलब यह है कि यह विधेयक अभी लागू नहीं किया जाएगा. इसे आज लागू नहीं किया जाएगा और यह बात भारत की हर महिला को समझनी चाहिए."
उन्होंने कहा, "अगर इसे तुरंत भी लागू किया जाता है, तो इसमें अब से 10 साल लगेंगे."
गांधी ने जाति जनगणना की मांग को लेकर ध्यान हटाने के चलते महिला आरक्षण विधेयक को "भटकाने वाली रणनीति" के रूप में उपयोग करने के लिए भाजपा पर हमला बोला. कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारत की विभिन्न जातियों और समुदायों की बेहतर समझ के लिए यह जरूरी है.
राहुल गांधी ने महिला आरक्षण बिल में दो खामियां गिनाईं और कहा कि महिला आरक्षण बिल अभी लागू किया जा सकता है, लेकिन सरकार ऐसा नहीं चाहती है. उन्होंने कहा कि बिल में दो चीजें संबंधित पाई गईं, जिनमें एक की महिला आरक्षण से पहले जनगणना और दूसरा परिसीमन करना होगा और इन दोनों को करने के लिए कई साल लगेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए. बता दें कि नारी शक्ति वंदन विधेयक संसद से पारित हो चुका है.
राहुल गांधी ने कहा, "क्या हिंदुस्तान में ओबीसी की आबादी 5 प्रतिशत है? अगर नहीं हैं तो ओबीसी हिंदुस्तान में कितने हैं और है उन्हें भागीदारी मिलनी चाहिए. भाजपा को जनगणना और परिसीमन को हटाकर महिलाओं को भागीदारी देनी चाहिए. जनगणना का लेकर हमने जो डाटा निकाला था उसे सार्वजनिक कर दें, जिससे सभी को पता चल जाए कि ओबीसी कितने हैं और नई जनगणना जाति के आधार पर करें."
बता दें कि राहुल गांधी ने संसद के विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में महिला आरक्षण बिल (नारी शक्ति वंदन विधेयक) पर चर्चा के दौरान ओबीसी को भी इस बिल में शामिल करने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण बिल अधूरा है. साथ ही कहा था कि मेरे विचार से यह विधेयक आज ही लागू किया जा सकता है, लेकिन इसे आगे बढ़ने के मकसद से तैयार नहीं किया गया है.
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