कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विपक्ष शासित राज्यों से पेट्रोलियम उत्पादों पर वैट कम करने की अपील को लेकर उन पर पलटवार करते हुए बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री को ‘जुमला और ध्यान भटकाने' की बजाय पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क की दर घटाकर उस स्तर पर लानी चाहिए जिस स्तर पर वह पूर्ववर्ती संप्रग सरकार के कार्यकाल में थी. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री से यह आग्रह किया कि केंद्र सरकार पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कटौती करे.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘मोदी जी, कोई आलोचना नहीं, कोई ध्यान भटकाना नहीं, कोई जुमला नहीं. कांग्रेस की सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 9.48 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था. मोदी सरकार में पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क 27.90 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 21.80 रुपये प्रति लीटर है.'
'अन्याय' : PM मोदी ने तेल की बढ़ती कीमत को लेकर विपक्षी पार्टी शासित राज्यों पर साधा निशाना
कांग्रेस नेता ने आग्रह किया, ‘कृपया पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क में 18.42 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.24 रुपये प्रति लीटर की कमी करिये.'
सुरजेवाला ने कहा कि केंद्र सरकार को पिछले आठ वर्षों में पेट्रोल एवं डीजल पर उत्पाद शुल्क के माध्यम से एकत्र किए गए 27 लाख करोड़ रुपये का हिसाब देना चाहिए.
उनके मुताबिक, 26 मई, 2014 को जब प्रधानमंत्री मोदी ने पदभार संभाला था तब कच्चे तेल की कीमत 108 डॉलर प्रति बैरल थी, लेकिन उस समय दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 55.49 रुपये प्रति लीटर थी.
उन्होंने कहा, ‘आज कच्चे तेल की कीमत 100.20 रुपये प्रति लीटर है, लेकिन दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 105.41 रुपये प्रति लीटर और डीजल की कीमत 96.67 रुपये प्रति लीटर है.'
विपक्ष शासित कई राज्यों में पेट्रोल - डीजल की बढ़ती कीमत का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को इन राज्यों से ‘राष्ट्र हित' में पेट्रोलियम उत्पादों पर से वैट घटा कर आम आदमी को राहत देने तथा वैश्विक संकट के इस दौर में सहकारी संघवाद की भावना के साथ काम करने की अपील की.
मोदी ने बुधवार को कहा कि पिछले साल नवंबर महीने में केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल व डीजल पर उत्पाद शुल्क में कटौती किए जाने के बावजूद कुछ राज्यों ने इस पर वैट नहीं घटाया और अपने लोगों को इसका लाभ ना देकर उन्होंने उनके साथ ‘‘अन्याय'' किया है.
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