जनता की भलाई के लिए अनाज भंडार को मजबूत करने की जरूरत, WTO की बैठक में बोले वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीय़ूष गोयल ने तहा- डब्ल्यूटीओ में निष्पक्ष और संतुलित परिणाम के लिए जी-33 के सदस्य देश मिलकर काम करें

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उद्योग और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने WTO की बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया (फाइल फोटो).
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  • विश्व व्यापार संगठन की जिनेवा में हो रही बैठक
  • गोयल ने कहा- अनाज के बढ़ते दाम चिंता का विषय
  • दुनिया में कोई व्यक्ति भूखा न रहे, डब्ल्यूटीओ के नियमों में बदलाव हो
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नई दिल्ली:

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीय़ूष गोयल (Piyush Goyal) ने कहा है कि कोरोना महामारी के इस दौर में जनता की भलाई के लिए फिर अनाज भंडार (Food Stock) को मजबूत करने की जरूरत है. उन्होंने विश्व व्यापार संगठन (WTO) की जिनेवा में हो रही बैठक के उद्घाटन सत्र में रविवार को यह बात कही. गोयल ने कहा कि मानवीय संकट के कारण अनाज के बढ़ते दाम चिंता का विषय हैं. यह हमें घरेलू स्तर पर अनाज उत्पादन बढ़ाने और भंडारण की क्षमता को मजबूत करने की अहमियत की याद दिलाता है. 

वाणिज्य मंत्री ने कहा, खाद्य पदार्थों के बढ़ते दामों ने लाखों लोगों के समक्ष संकट पैदा कर दिया है. खासकर गरीब और वंचित देशों के लिए बाजार में असंतुलन ने बड़ी दुविधा पैदा कर दी है. हमारी ये जिम्मेदारी है कि दुनिया में कोई भी व्यक्ति भूखा न रहे और डब्ल्यूटीओ को इसके लिए नियमों में जरूरी बदलाव करना चाहिए.

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भारत ने डब्ल्यूटीओ की बैठक में निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित नतीजा पाने के लिए विकासशील देशों के समूह जी-33 से मिलकर काम करने और समान विचारधारा वाले अन्य देशों तक पहुंचने का आह्वान किया. भारत ने सार्वजनिक भंडारण और विशेष सुरक्षा उपाय के लिए स्थायी समाधान तलाशने पर भी बल दिया.

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विश्व व्यापार संगठन के मंत्री-स्तरीय सम्मेलन में शिरकत कर रहे वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि जी-33 विकसित देशों द्वारा अपने किसानों को दी जाने वाली भारी सब्सिडी के कारण कीमतों में गिरावट आने और आयात बढ़ने जैसे मसले को लंबे समय से उठाता रहा है. विकासशील देश चाहते हैं कि इस प्रवृत्ति के अस्थिरकारी दुष्प्रभावों से निपटने के लिए एक कारगर विशेष रक्षोपाय व्यवस्था (SSM) बनाई जाए.

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पीयूष गोयल ने कहा, 'हम सभी को इस समूह की एकता बनाए रखने और मजबूत करने के लिए सामूहिक रूप से काम करना चाहिए. यह समूह समान विचारधारा वाले देशों तक पहुंचकर निष्पक्ष, संतुलित और विकास-केंद्रित परिणाम के लिए उनके समर्थन को सुनिश्चित करे. इसमें सार्वजनिक भंडारण और एसएसएम का स्थायी समाधान भी शामिल होना चाहिए.'

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वाणिज्य मंत्री ने 12वें मंत्री-स्तरीय सम्मेलन से इतर जी-33 मंत्री-स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए विकासशील देशों से मिलकर काम करने की अपील की. भारत एसएसएम के लिए जोर दे रहा है, जिसका उद्देश्य गरीब और सीमांत किसानों को आयात में किसी भी उछाल या कीमतों में भारी गिरावट से बचाना है.

केंद्रीय मंत्री ने डब्ल्यूटीओ के कृषि संबंधी समझौते पर कहा कि आज दुनिया के विभिन्न हिस्सों में घटित हो रही घटनाओं से स्पष्ट है कि इसके नियम विकसित देशों के पक्ष में और विकासशील देशों के खिलाफ हैं. गोयल ने कहा, 'कृषि सुधार के पहले चरण के रूप में एक नियम-आधारित निष्पक्ष और न्यायसंगत व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए ऐतिहासिक विषमताओं और असंतुलनों को ठीक करना जरूरी है.

जी33 समूह में 47 विकासशील और अल्प-विकसित देश शामिल हैं.

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