पंजाब में कर्नल से मारपीट का मामला, आरोपी पुलिस अफसर सीबीआई जांच के खिलाफ पहुंचे सुप्रीम कोर्ट 

मामला 13 और 14 मार्च का है उस समय आर्मी कर्नल पुष्‍पदिंर सिंह बाथ अपने बेटे के साथ राजिंदर अस्पताल के पास स्थित हरबंस ढाबे पर खाना खा रहे थे. इसी दौरान पार्किंग को लेकर विवाद हुआ.

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  • पंजाब के पटियाला में सेना के कर्नल पुष्पदिंर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ पुलिस ने मारपीट की घटना हुई थी.
  • पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की SIT जांच पर नाराजगी जताते हुए मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी.
  • आरोपी पुलिस अधिकारियों ने कर्नल और उनके बेटे को मारपीट कर अधमरा किया और जान से मारने की धमकी दी थी.
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नई दिल्‍ली:

पंजाब में सेना के कर्नल से मारपीट के मामले में पुलिस के आरोपी अफसर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं. उन्‍होंने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के फैसले को चुनौती दी है. साथ ही हाईकोर्ट के सीबीआई जांच के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है. इसके अलावा उनकी मांग है कि आरोपी अफसरों पर कोई कठोर कार्रवाई ना हो. हाईकोर्ट ने SIT से लेकर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी थी. माना जा रहा है कि मामले की सुनवाई चार अगस्त यानी सोमवार को हो सकती है. 

हाई कोर्ट ने जताई थी चिंता 

पीड़ित कर्नल की ओर से समीर सोढ़ी ने भी एक कैविएट याचिका दाखिल की है. साथ ही कहा है कि कोई आदेश जारी करने से पहले उनका पक्ष भी सुना जाए. आरोप है कि पंजाब के पटियाला में भारतीय सेना के कर्नल पुष्‍पदिंर सिंह बाठ और उनके बेटे के साथ पंजाब पुलिस कर्मियों ने मारपीट की थी. इस मामले में स्पेशल इनवेस्टिगेशन कमेटी (SIT) का गठन किया गया था. हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ पुलिस की SIT की जांच की धीमी गति और निष्क्रियता पर कड़ी नाराजगी जताई. 

कर्नल पुष्‍पदिंर बाठ से मारपीट के मामले में चंडीगढ़ पुलिस की SIT की जांच से असंतुष्ट पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मामले को सीबीआई को सौंप दिया था. सेना के कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाठ ने याचिका में आरोप लगाया गया कि पटियाला पुलिस अधिकारियों की ओर से उन पर किए गए हमले की निष्पक्ष जांच नहीं हो रही. साथ ही आरोपी पुलिसकर्मियों की गिरफ्तारी में जानबूझकर ढिलाई बरती जा रही है.  

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13, 14 मार्च का मामला 

हाईकोर्ट ने भी इस मामले में दोषी अधिकारियों की गिरफ्तारी न होने पर पूरी तरह से असंतुष्टि जता दी है. हाईकोर्ट ने कहा है कि यह मामला एक बड़े अधिकारी से मारपीट का है जिसकी जांच में गंभीरता नहीं बरती जा रही है. कोर्ट ने SIT चीफ से कहा कि आप एक आईपीएस अधिकारी हैं और आपसे इस तरह की जांच की उम्मीद नहीं की जा रही थी. साथ ही इस मामले की जांच के दौरान हत्या के प्रयास की धारा हटाने पर भी हाईकोर्ट ने सवाल उठाया था. 

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कर्नल के वकील का कहा कि आरोपियों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है. सभी दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी. मामला 13 और 14 मार्च 2025 की रात का है. उस समय आर्मी कर्नल पुष्‍पदिंर सिंह बाथ अपने बेटे के साथ राजिंदर अस्पताल के पास स्थित हरबंस ढाबे पर खाना खा रहे थे. इसी दौरान पार्किंग को लेकर विवाद हुआ. 

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बेटे के साथ भी की मारपीट 

आरोप है कि वहां मौजूद चार इंस्पेक्टरों सहित 12 पुलिसकर्मियों ने कर्नल बाथ और उनके बेटे अंगद के साथ जमकर मारपीट की. सभी ने मिलकर कर्नल और उनके बेटे को पीट-पीटकर अधमरा कर दिया था. आरोपी पुलिसकर्मियों ने उन्हें जान से मारने और फर्जी एनकाउंटर करने की धमकी भी दी थी. बाद में कर्नल की शिकायत पर सोशल मीडिया और मीडिया में मामला उठा. आठ दिन बाद पंजाब पुलिस ने FIR दर्ज की और 12 पुलिसकर्मियों को सस्पेंड कर दिया. 

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आरोपियों में इंस्पेक्टर रोनी सिंह, हैरी बोपाराय, हरजिंदर सिंह ढिल्लो, राजवीर सिंह, सुरजीत सिंह सहित अज्ञात व्यक्ति शामिल हैं. इन पर भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 115(2), 351(2), 109, 310, 117(1), 117(2), 126(2) और 190 के तहत मामला दर्ज किया गया है. वहीं, पीड़ित परिवार लगातार सस्पेंड पुलिस मुलाजिमों के गिरफ्तारी की मांग कर रहा था. जब मांग पूरी न हुई तो कर्नल बाठ की पत्नी ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए डीसी दफ्तर के बाहर धरना लगा दिया था. इस मामले में बाद पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच के लिए SIT गठित की थी. 

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