Maharashtra crisis: महाराष्ट्र के सियासी संकट के बीच शिवसेना के बागी गुट के 40 से अधिक विधायक इस समय असम के गुवाहाटी शहर के पांच सितारा होटल में डेरा डाले हैं. एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाले इन विधायकों के बगावती तेवर महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महाविकास आगाडी सरकार के लिए चुनौती बने हुए हैं. जैसे जैसे बागी गुट की ताकत बढ़ रही है, उद्धव ठाकरें की परेशानियों में इजाफा होता जा रहा है. इस बीच असम के सीएम हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने इस बात से इनकार किया है कि सप्ताह के इस बड़े राजनीतिक घटनाक्रम से राज्य का कोई लेना-देना है.
न्यूज एजेंसी एएनआई से आज शाम बात करते हुए सीएम बिस्वा सरमा ने कहा, "असम में कई अच्छे होटल हैं और कोई भी यहां आ सकता है और रुक सकता है. इसमें कोई समस्या नहीं है. मुझे नहीं पता कि महाराष्ट्र के विधायक असम में रुके हुए हैं. अन्य राज्यों के विधायक भी आ सकते हैं और असम में रह सकते हैं. " एकनाथ शिंदे के बागी गुट का विधायक संख्याबल पहले ही 37 पहुंच चुका है, यह संख्या दलबदल विरोधी कानून की जद में आए बिना पार्टी को विभाजितक करने के लिए जरूरी है. इस बीच शिवसेना के कुछ और विधायक गुवाहाटी पहुंचे हैं जिससे यह संख्या और बढ़ जाएगी. शिवसेना के विधायकों के अलावा कुछ निर्दलीय विधायक भी एकनाथ शिंदे के साथ हैं.
गौरतलब है कि बागी गुट की सीएम उद्धव ठाकरे की चुनौती के बीच एमवीए सरकार में शिवसेना के दोनों सहयोगी दल, एनसीपी और कांग्रेस अभी भी ठाकरे के समर्थन में खड़े हुए हैं. एनसीपी नेता और डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा, " महाराष्ट्र मे जो कुछ राजनीतिक परिस्थिति निर्माण हुई है उसमें हम उद्धव ठाकरे के साथ पूरी तरह से खड़े हैं." उधर, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने पार्टी की अहम बैठक के बाद कहा, "शिवसेना चाहे तो हम बाहर से समर्थन देने को भी तैयार है. अगर शिवसेना चाहेगी तो कांग्रेस बाहर से भी उसको समर्थन दे सकती है." (एएनआई से भी इनपुट)
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