- हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में बादल फटने से तबाही.
- करसोग के पंजराट और मेगली गांवों में घर और वाहन बह गए.
- करसोग बाईपास सड़क को गंभीर क्षति पहुंची है.
- स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य में सक्रिय है.
कुदरत इन दिनों जमकर कहर बरपा रही है. सबसे ज्यादा परेशानी पहाड़ी राज्यों को झेलनी पड़ रही है. कहीं तेज बारिश को रही है तो कहीं बादल फट रहा है, ताजा मामला हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले का है. मंडी के करसोग में बादल फट गया, जिसके बाद वहां तबाही का मंजर है. बादल फटने (Himachal Pradesh Cloud Busted) की वजह से करसोग के पंजराट गांव और मेगली गांव में घरों और गाड़ियों के बह गईं है. करसोग बाईपास सड़क भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हुई है.
बादल फटने से गांव में तबाही, प्रशासन मदद में जुटा
गांव में हुई तबाही से वहां से लोग सहमे हुए हैं और प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं. हालांकि प्रशासन अपने काम में लगा हुआ है. जिला प्रशासन मौके पर मौजूद है. हिमाचल प्रदेश में मॉनसून इन दिनों अपना खतरनाक रूप दिखा रहा है. पिछले कई दिनों से लगातार बारिश हो रही है. तेज बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित है.
मौसम विभाग ने सोमवार को प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की थी. वहीं चार जिलों में रेड अलर्ट जारी किया गया था. अब मंडी जिले में बादल फटने से हड़कंप मच गया है.
कांगड़ा और कुल्लू में भी फटा था बादल
हिमाचल प्रदेश में बादल फटने की ये कोई पहली घटना नहीं है. 26 जून को कांगड़ा और कुल्लू जिलों में बादल फटने से अचानक पानी का सैलाब आ गया था. बाढ़ की वजह से 10 लोग लापता हो गए थे. वहीं एक दिन पहले भारी बारिश की वजह से दो लोगों की मौत हो गई थी. बाढ़ में करीब 20 लोगों के बह जाने की आशंका जताई गई थी, जिनमें से कुछ को बचा लिया गया था. कांगड़ा जिले के मनुनी खड्ड में इंदिरा प्रियदर्शिनी जलविद्युत परियोजना स्थल के पास एक श्रमिक कॉलोनी में रह रहे करीब 15-20 श्रमिकों के खनियारा मनुनी खड्ड में जल स्तर बढ़ने की वजह से बह जाने की जानकारी सामने आई थी.