झारखंड के धनबाद में जज की हत्या का मामले (Dhanbad Judge Murder Case) में जजों की शिकायतों पर सीबीआई के रवैए से सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने नाराजगी जताई है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस देश में कई ऐसे मामले है जिसमें गैंगेस्टर/हाईप्रोफाइल लोग शामिल हैं. ऐसे लोग जजों को धमकी देते है, कुछ मामलों में सीबीआई जांच के आदेश भी हुए लेकिन सीबीआई ने कुछ नही किया. sorry to observed, सीबीआई के व्यहार में कोई बदलाव नही आया.सीबीआई के बर्ताव में बदलाव चाहते हैं. जज की हत्या के मामले में सीबीआई को नोटिस जारी किया गया है. मामले में सोमवार को सुनवाई होगी. CJI ने कहा कि 2019 में ऐसे मामले में केंद्र को जवाब देना था लेकिन केंद्र ने जवाब नही दिया.एक हफ्ते में केंद्र सरकार जवाब दे.
जब भारीभरकम दस्तावेज देखकर नाराज हुए CJI, पूछा-क्या आप हमें आतंकित करना चाहते हैं?
SC ने कहा कि ऐसे मामले भी हुए हैं जहां गैंगस्टर या हाईप्रोफाइल आरोपी निचली अदालतों के जजों को हाईकोर्ट के जजों को धमकाते हैं. वो शारीरिक या मानसिक तौर पर जजों को प्रताड़ित करते हैं.यहां तक कि वो वाटसएप और फेसबुक पर धमकी के संदेश देते हैं.अगर उनके पक्ष में फैसला नहीं आता तो वो न्यायपालिका की छवि खराब करते हैं. जजों को धमकाते हैं.जज अपने हेड से शिकायत करते हैं.मामलों की पुलिस या एजेंसियों को शिकायत दी जाती है तो कोई कार्यवाही नहीं की जाती. सीबाआई, IB जैसी एजेंसियां न्यायपालिका से सहयोग नहीं करती.CJI एन वी रमना ने AG को कहा कि इस मामले में हम आपका सहयोग चाहते हैं. झारखंड सरकार के वकील ने कहा इस मामले में हमनें घटना के दिन ही 22 सदस्यीय SIT का गठन किया था.दो लोगों को गिरफ्तार कर पूछताछ किया जा रहा है.30 जुलाई को मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है.CBI ने कल से मामले की जांच शुरू कर दी
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इस पर CJI ने कहा कि इसका मतलब है कि आपने केस से हाथ धो लिए.?CJI ने कहा कि आप देखिए, झारखण्ड में जज की दुर्भाग्यपूर्ण मौत हुई. धनबाद कोल माफिया सक्रिय है. ऐसे में जज को व्यापक सुरक्षा देनी चहिए थी.ये राज्य की विफलता है. झारखंड के धनबाद के जज उत्तम आनंद हत्याकांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए झारखंड के मुख्य सचिव और डीजीपी को एक सप्ताह में जांच की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया था. हालांकि शीर्ष कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि झारखंड हाईकोर्ट में चल रहे इस मामले में उसका कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा.बीते दिनों धनबाद में मार्निंग वॉक पर निकले धनबाद के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद को पीछे से आ रहे ऑटो ने जानबूझकर धक्का मार दिया. जिसमें उनकी मौत हो गई. इस घटना पर झारखंड हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सख्त टिप्पणी करते हुए कहा था कि पहले पुलिसकर्मी फिर अधिकवक्ता और अब जज पर हमला किया गया. झारखंड में कानून व्यवस्था की स्थिति कोर्ट ने नाराजगी की. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की कि नक्सल प्रभावित राज्य होने के बावजूद अब तक जज पर हमले नहीं हुए थे. इसके अलावा कोर्ट ने इस मामले में एसआईटी गठित कर जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही यह भी कहा कि इस मामले की जांच करते हुए यह भी देखा जाय कि केवल ऑटो का ड्राइवर कटघरे में खड़ा ना हो. इस पूरे साजिश के पीछे काम करने वाले लोगों का चेहरा भी सामने आए. इन्हें सख्त से सख्त सजा मिले. पुलिस सभी साक्ष्य एकत्र करे, जिससे दोषियों को सजा दी जा सके. इस संबंध में दो लोगों को गिरफ्तार भी किया गया. अब मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है.