- 24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत भारत के 53वें CJI के रूप में शपथ लेंगे और उनका नया आवास 19 अकबर रोड होगा.
- 5 कृष्णा मेनन मार्ग का बंगला अब वरिष्ठ जज जस्टिस विक्रम नाथ को आवंटित किया गया है जो अगले सीजेआई होंगे.
- सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर जजों के लिए आवासों के आवंटन और उपयोग को लेकर सूचना दी है.
24 नवंबर को जस्टिस सूर्यकांत देश के 53 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे. इसी के साथ ही CJI के घर का पता भी बदल रहा है. अब CJI का नया पता 19 अकबर रोड है. यानी अब 5 कृष्णा मेनन मार्ग ही CJI का इकलौता आधिकारिक आवास नहीं रहा है. बल्कि अब ये दोनों बंगले ही CJI का घर रहेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के टॉप सूत्रों के मुताबिक 5 कृष्णा मेनन मार्ग का घर वरिष्ठ जज जस्टिस विक्रम नाथ को आवंटित किया गया है. जो जस्टिस सूर्यकांत के बाद देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. इससे पहले 5 कृष्णा मेनन मार्ग CJI का आधिकारिक आवास था, जबकि इससे सटा 7 कृष्णा मेनन मार्ग CJI सचिवालय बनाया गया था. अब ये तय किया गया है कि बंगले को सुप्रीम कोर्ट जज के आवास के लिए आवंटित किया जाएगा. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने इस संबंध में केंद्र सरकार को चिट्ठी भी लिखी है.
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आवास खाली करने के लिए मिलता है 6 महीने का वक्त
सूत्रों के अनुसार सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री ने पहले जस्टिस सूर्यकांत के आवास 19 अकबर रोड पर ही अस्थायी सचिवालय बनाने का अनुरोध किया था, जिसके बाद उनके आवास पर अस्थायी सचिवालय का काम शुरू कर दिया गया. सूत्रों के अनुसार ऐसा फैसला इसलिए लिया गया ताकि CJI बनने के बाद किसी को बंगले के खाली होने का इंतजार ना करना पड़े. नियमों के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट जज को रिटायर होने के बाद सरकारी आवास खाली करने के लिए 6 महीने का समय मिलता है. ऐसे में दो आवास होने की वजह से अगले सीजेआई को बंगले का इंतजार नहीं करना पडेगा.
5 कृष्णा मेनन मार्ग में नहीं रहे मौजूदा CJI
हालांकि पहले भी ऐसा होता रहा है कि CJI अपने आधिकारिक आवास 5 कृष्णा मेनन मार्ग में ना रहें. दरअसल 19 अकबर रोड स्थित बंगले में पहले ही बड़े ऑफिस स्पेस वाला दो मंजिला घर है, जिसमें रहने वाले पहले CJI यू यू ललित थे जिनका कार्यकाल 74 दिन का था. इसके बाद CJI बने जस्टिस संजीव खन्ना और फिर जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई का 6-6 महीने का कार्यकाल रहा, लेकिन उन्होंने तय किया था कि वो CJI के आधिकारिक आवास 5 कृष्णा मेनन मार्ग में नहीं रहेंगे.
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जस्टिस जीबी पटनायक और जस्टिस एस राजेंद्र बाबू जैसे कम कार्यकाल वाले पूर्व मुख्य न्यायाधीश 5 कृष्णा मेनन मार्ग में शिफ्ट हुए थे. एक अपवाद जस्टिस बीएन कृपाल थे, जिन्होंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का कार्यकाल पूरा करने के बावजूद वहां शिफ्ट ना होने का फैसला किया था.













