दिल्ली- NCR में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सख्त रूप अपनाया है. देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) एन वी रमना ने कहा कि हमें हालात पर तत्काल नियंत्रण के लिए उपाय करने चाहिए. जरूरत पड़ी तो 2 दिन के लॉकडाउन या कुछ और सोचें. वरना लोग कैसे रहेंगे? राजनीति और सरकार से ऊपर उठकर काम करने की जरूरत है. CJI एन वी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने कहा कि प्रदूषण के लिए हर बार किसानों को कोसना फैशन बन गया है. इससे पहले भी कई मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति पर सख्त टिप्पणी कर चुके हैं. हालांकि, CJI बदलते रहे, लेकिन दिल्ली में प्रदूषण के हालात नहीं.
तत्कालीन CJI एचएल दत्तू ने अक्टूबर, 2015 में इसी मुद्दे पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि "मेरे पोते को दिल्ली के प्रदूषण के कारण मास्क पहनना पड़ता है. एक निंजा की तरह दिखता है."
इसके बाद, तत्कालीन CJI टीएस ठाकुर ने दिसंबर, 2015 में कहा- "दिल्ली बदनाम हो गई है कि यह सबसे प्रदूषित शहर है. पिछले हफ्ते एक जज इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस से दिल्ली आए थे. हमें उन्हें यह बताने में बहुत शर्मिंदगी हुई कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर क्या है?"
आज (13 नवंबर, 2021) वर्तमान सीजेआई एनवी रमना ने कहा कि प्रदूषण के कारण घर के अंदर भी मास्क पहनना पड़ रहा है. तुंरत कदम नहीं उठाए तो लोग कैसे रहेंगे.
भविष्य के मुख्य न्यायाधीशों ने भी आज प्रदूषण पर कड़ी टिप्पणी की. जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ (नवंबर, 2022 में सीजेआई होंगे) ने कहा कि हम छोटे बच्चों को खतरनाक हवा में उजागर कर रहे हैं. वहीं जस्टिस सूर्यकांत (नवंबर 2025 में सीजेआई होंगे) ने कहा कि वायु प्रदूषण के लिए हर बार किसानों को कोसना एक फैशन बन गया है.