औद्योगिक शराब और नशीली शराब को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों के संविधान पीठ में चल रही बहस को अचानक CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने रोक दिया. केंद्र की ओर से दलीलें दे रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता (Solicitor General Tushar Mehta) को बीच में रोक कर CJI चंद्रचूड़ ने कहा कि आपके युवा जूनियर वकील हर दिन लैपटॉप लेकर खड़े रहते हैं .. मैंने कोर्ट मास्टर को कहा है कि वो लंच के समय आपके पीछे स्टूल आदि लगा दें ताकि वो भी बैठ सकें. इस पर SG तुषार मेहता ने कहा कि वो भी ये देख रहे हैं.
कोर्टरूम में लगाए गए स्टूल
उन्होंने कोर्ट रूम में बैठे वकीलों से आग्रह किया कि जो इस केस से जुड़े नहीं हैं वो इन वकीलों के लिए कुर्सी खाली कर सकते हैं . लेकिन लंच के बाद जब अदालत में फिर से मामले की सुनवाई हुई तो सब हैरान रह गए. कोर्टरूम में बकायदा इन वकीलों के लिए स्टूल लगाए गए थे. सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक लंच के समय CJI चंद्रचूड़ ने सबसे पहले इन युवा वकीलों के बैठने के लिए इंतजाम करने के निर्देश दिए .
स्टूल पर बैठकर सीजेआई ने जांचा
इतना ही नहीं स्टूल लगाने के बाद कोर्ट शुरु होने सो पहले ही CJI डॉयस की बजाए पहले कोर्टरूम में वकीलों की जगह पर पहुंच गए. उन्होंने खुद ही पहले इन स्टूल पर बैठकर देखा कि इन युवा वकीलो को इन पर बैठने में किसी तरह की दिक्कत तो नहीं होगी. वो ठीक तरीके से कोर्ट कार्रवाई को देख पाएंगे या नहीं. साथ ही SG मेहता की केस में सहायता में कोई दिक्कत तो नहीं होगी.
SG तुषार मेहता ने क्या कहा?
इस मुद्दे पर NDTV से बात करते हुए SG तुषार मेहता ने कहा, " सीजेआई उदारता के प्रतीक हैं आज का कदम न केवल अभूतपूर्व है बल्कि सभी अदालतों द्वारा इसका पालन करने की आवश्यकता है.. न्यायिक पदानुक्रम के सर्वोच्च पद पर बैठा एक व्यक्ति बिना किसी के बताए भी युवा वकीलों की परेशानी के प्रति इतना असाधारण रूप से विचारशील है, यह सलाम के योग्य है .आज सभी युवा वकीलों के पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं थे.. मैं अभिभूत हूं..
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