छावला गैंगरेप केस में दिल्ली पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. पुलिस ने इस मामले में तीनों दोषियों को बरी करने के आदेश के खिलाफ सु्प्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के याचिका को खारिज कर दिया है.
पीड़ित परिवार और पुलिस ने फांसी की सजा पाए तीनों दोषियों को रिहा करने के फैसले पर पुर्नविचार की मांग की थी. सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा है कि पहले के फैसले में कोई कानूनी या अन्य त्रुटि नहीं मिली है. अगर फैसले के बाद कोई और घटना होती है, तो वो पुनर्विचार का कोई आधार नहीं है.
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन चीफ जस्टिस की अगुवाई वाली पीठ के 7 नवंबर 2022 को दिए गए उस फैसले पर पुनर्विचार की गुहार लगाई गई है, जिसमें मेडिकल और वैज्ञानिक रिपोर्ट में गड़बड़ी को आधार बनाकर अदालत ने ट्रायल कोर्ट और हाईकोर्ट के सजा-ए-मौत का फैसला पलटते हुए SC ने दोषियों को बरी कर दिया था.
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