बस्‍तर में 10 दिनों में तीन BJP नेताओं की हत्‍या से सियासत गरमाई, डीजीपी ने NIA जांच के लिए लिखा खत

अपने नेताओं की हत्‍या से बीजेपी आक्रोशित है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन हत्याओं  के खिलाफ बस्तर में 12 विधानसभा सीटों पर प्रदर्शन किया और इसे बड़ी साजिश बताया.

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छत्‍तीसगढ़ के बस्‍तर जिले में पिछले 10 दिन में तीन बीजेपी नेताओं की हत्‍या हो चुकी है (प्रतीकात्‍मक फोटो)

छत्‍तीसगढ़ के बस्तर में पिछले 10 दिन में बीजेपी से जुड़े 3 नेताओं की हत्या हो चुकी है. हत्या का आरोप नक्सलियों पर लग रहा है. पुलिस महानिदेशक ने इस मामले में खत लिखकर राष्‍ट्रीय अन्‍वेषण एजेंसी (NIA) से जांच करने को कहा है. बीजेपी का आरोप है कि उसके नेताओं को चुन-चुनकर निशाना बनाया जा रहा है. इस बीच, राज्‍य पुलिस ने बस्तर में नेताओं के लिए दौरे से पहले पुलिस को सूचना देना जरूरी कर दिया गया है ताकि संबंधित व्यक्ति के लिए उचित सुरक्षा इंतजाम किए जा सकें. बता दें, बस्‍तर में 16 जनवरी को बीजेपी जिलामंत्री बुधराम करटाम की हत्या हुई. इस माह 5 फरवरी को बीजापुर बीजेपी मंडल अध्यक्ष नीलकंठ कक्केम, 10 फरवरी को नारायणपुर बीजेपी उपाध्यक्ष सागर साहू और 11 फरवरी को इंद्रावती नदी के पार दंतेवाड़ा-नारायणपुर जिले की सरहद पर बीजेपी नेता रामधर अलामी की हत्या की गई.

अपने नेताओं की हत्‍या से बीजेपी आक्रोशित है और पार्टी कार्यकर्ताओं ने इन हत्याओं  के खिलाफ बस्तर में 12 विधानसभा सीटों पर प्रदर्शन किया और इसे बड़ी साजिश बताया. इसके बाद राज्य की 90 विधानसभा में विरोध प्रदर्शन होगा. 17 फरवरी को 4 संभाग के 78 विधानसभा क्षेत्र में मंडल स्तर 2 घंटे के लिये राज्य की 400 से अधिक सड़कें जाम करके शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. 

बस्‍तर में 16 जनवरी को बीजेपी जिला मंत्री बुधराम करटाम की हत्या कर दी गई थी

इस मुद्दे पर राजनीतिक आरोप-प्रत्‍यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. राज्‍य के पूर्व सीएम रमन सिंह ने कहा, "चार जिलों में चार वरिष्ठ  साथियों की हत्या की गई. नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बस्तर में आईडेंटिफाई करके अलग-अलग जिलों में हत्या हुई. नारायणपुर में हमारे उपाध्यक्ष सागर साहू की हत्या होती है. नीलकंठ कक्केम की हत्या होती है, बुधराम कटराम की बस्तर में  हत्‍या हुई थी. जिस प्रकार से चिन्हित करके सिर्फ एक माह में 4 हत्याएं बीजेपी के वरिष्ठ साथियों की हुई हैं, निश्चित तौर से यह दिखाता है ये साजिश का हिस्सा है. प्रदेश में हिंसा का दौर शुरू हो गया है. कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाए जा रहे हैं, ऐसे में आरोप से मुक्ति पाने के लिए पल्ला झाड़ने को  NIA को पत्र लिख रहे हैं."

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राज्‍य के सीएम भूपेश बघेल ने कहा, "भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की मृत्यु हुई है. इस बारे में उन्हें लगता है कि जांच ठीक ढंग से नहीं हो रही है और वह धरना प्रदर्शन भी कर रहे हैं. झीरम पर पहले भी जब हम जांच कर रहे थे तब एनआईए ने सीधे टेकओवर कर लिया था. हमने एसआईटी गठन किया था उसके खिलाफ वे पहले कोर्ट में भी गए थे. अभी जब इस प्रकार के और घटनाएं घटी हैं तो इस मामले में डीजी ने एनआईए के महानिदेशक को पत्र लिखा है कि इसकी भी NIA से करा लें ताकि बीजेपी के लोग संतुष्ट हो जाएं."

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गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले, बीजेपी विधायक भीमा मंडावी सहित 5 लोगों की नक्सलियों ने हत्या कर दी थी. मंडावी बस्तर में बीजेपी के इकलौते विधायक थे. सियासी तौर पर कहा जाता है कि छत्तीसगढ़ में सत्ता की चाभी बस्तर की 12 सीटों से खुलती है, जिसमें सब पर कांग्रेस का कब्जा है, इसलिये साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने चुनावी बिगुल बस्तर से ही फूंका है. 

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