छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव : कड़ी सुरक्षा के बीच पहले चरण में 74 प्रतिशत मतदान

Chhattisgarh Assembly Election 2023: पुलिस अधिकारियों के अनुसार, वोटिंग के दौरान नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर जिलों में नक्सलियों तथा सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई. हालांकि इन घटनाओं में सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

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नई दिल्ली:

Chhattisgarh Assembly Election 2023 First Phase Voting: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मंगलवार को शाम पांच बजे मतदान समाप्त हो गया. पहले चरण में 74 प्रतिशत वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पहले चरण में जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, उनमें से 10 पर सुबह सात बजे से अपराह्न तीन बजे तक और बाकी 10 सीट पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान हुआ.

अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में राज्य की 20 विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा में मतदान हुआ. इन सीट के लिए कुल 40,78,681 मतदाताओं में से 74 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया.

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार, अपराह्न तीन बजे तक मतदान करीब 60.92 प्रतिशत दर्ज किया गया, जो शाम पांच बजे तक बढ़कर 70.87 प्रतिशत हो गया. पहले चरण में आज हुए मतदान के लिए 5,304 मतदान दल बनाए गए और 25,249 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया.

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राज्य में नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने उत्पात मचाने की भी कोशिश की. सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए तथा जिले के टोंडामरका शिविर के पास नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में एक सीआरपीएफ कमांडो घायल हो गया.

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर जिलों में नक्सलियों तथा सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई. इन घटनाओं में सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

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निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि मतदान के दौरान बस्तर संभाग के 126 गांवों के निवासियों ने खुशी जताई क्योंकि आजादी के बाद उनके गांवों में पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे.

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पहले चरण के उम्मीदवरों में पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और बस्तर के सांसद दीपक बैज, कांग्रेस सरकार के तीन मंत्री, बीजेपी की ओर से चार पूर्व मंत्री और एक पूर्व आईएएस अधिकारी शामिल हैं.

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सुकमा में नक्सलियों ने फायरिंग कर वोटर्स को मतदान केंद्र पहुंचने से रोकने की कोशिश की. कोंटा थाना क्षेत्र के बंडा इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच फायरिंग हुई. दूरमा और सिंगाराम के जंगल में नक्सलियों ने बीजीएल दाग दिए. भारी संख्या में सीआरपीएफ और डीआरजी की टीम मौके पर तैनात है. गनीमत ये रही कि इस घटना में कोई भी हताहत नहीं हुआ. 

विधानसभा चुनाव के पहले चरण में वोट डालने के लिए बड़ी संख्या में वोटर्स पोलिंग बूथ पहुंच रहे हैं और लाइन में लगकर अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं.
 

छत्तीसगढ़ के मंत्री और कोंटा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस उम्मीदवार कवासी लखमा ने कोंटा विधानसभा क्षेत्र के मतदान केंद्र संख्या 36 पर वोट डाला. उन्होंने कहा, "हम विकास, सुरक्षा और शांति के मुद्दे पर लड़ रहे हैं. पिछले 5 सालों में यहां कई विकास कार्य हुए हैं. मैं 6,700 वोटों के अंतर से जीता हूं और इस साल और बड़ी जीत हासिल करूंगा."

छत्तीसगढ़ में हो रहे मतदान के बीच सुकमा के टोंडामरका इलाके में नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर दिया. इस धमाके में चुनावी ड्यूटी पर तैनात  सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान घायल हो गया है. यह जानकारी सुकमा एसपी किरण चव्हाण ने दी है.

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पहले चरण में इन 20 सीटों पर वोटिंग

अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में से 10 विधानसभा क्षेत्रों मोहला-मानपुर, अंतागढ़, भानुप्रतापपुर, कांकेर, केशकाल, कोंडागांव, नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोंटा विधानसभा क्षेत्रों में सुबह सात बजे से दोपहर तीन बजे तक और 10 विधानसभा क्षेत्रों पंडरिया, कवर्धा, खैरागढ़, डोंगरगढ़, राजनांदगांव, डोंगरगांव, खुज्जी, बस्तर, जगदलपुर और चित्रकोट विधानसभा क्षेत्रों में सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा. 

पहले चरण में 223 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला

पहले चरण में जिन 20 सीटों पर मतदान हो रहा है, उनमें से 12 अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए जबकि एक अनुसूचित जाति (एससी) वर्ग के लिए आरक्षित हैं. 2018 के चुनाव में बीजेपी को इन 20 सीटों में से 18 पर हार का सामना करना पड़ा था. इस चरण में सबसे अधिक उम्मीदवार राजनांदगांव निर्वाचन क्षेत्र (29) में हैं, जबकि सबसे कम चित्रकोट और दंतेवाड़ा सीटों पर सात-सात उम्मीदवार हैं. 

अधिकारियों ने बताया कि प्रथम चरण के 20 विधानसभा क्षेत्रों में कुल 223 उम्मीदवार हैं, जिनमें 198 पुरुष और 25 महिलाएं हैं. प्रथम चरण के लिए 40 लाख 78 हजार 681 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं, इनमें 19 लाख 93 हजार 937 पुरुष मतदाता, 20 लाख 84 हजार 675 महिला मतदाता तथा 69 तृतीय लिंग मतदाता शामिल हैं. प्रथम चरण में निर्वाचन के लिए कुल 5304 मतदान केंद्र बनाए गए हैं.उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए 25,429 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया है. 

2431 मतदान केंद्रों में वेब कास्टिंग की सुविधा

अधिकारियों ने बताया कि पांच जिलों सुकमा, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर और नारायणपुर में कुल 156 मतदान दलों को हेलीकॉप्टरों का उपयोग करके उनके गंतव्यों के लिए रवाना किया गया है, जबकि 5148 मतदान दलों को बसों से संबंधित केंद्रों पर भेजा गया है. राज्य में शांतिपूर्ण मतदान के लिए सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं. कुल मतदान केंद्रों में से 2431 में वेब कास्टिंग सुविधा उपलब्ध होगी.  एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नक्सल प्रभावित बस्तर संभाग के 12 निर्वाचन क्षेत्रों में शांतिपूर्ण मतदान के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल के 40 हजार जवान समेत 60 हजार सुरक्षाबल के जवान तैनात किए गए हैं.

पहले चरण में इन दिग्गजों की साख दांव पर 

पहले चरण में कांग्रेस से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा), मोहन मरकाम (कोंडागांव), मोहम्मद अकबर :कवर्धा: और दिवंगत कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा के बेटे छविंद्र कर्मा (दंतेवाड़ा) प्रमुख उम्मीदवारों में से हैं. वहीं बीजेपी से पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (राजनांदगांव), राज्य के चार पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), लता उसेंडी (कोंडागांव), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और महेश गागड़ा (बीजापुर) तथा पूर्व आईएएस अधिकारी नीलकंठ टेकाम (केशकाल) प्रमुख उम्मीदवार हैं. कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ ओबीसी नेता और छत्तीसगढ़ खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन को राजनांदगांव से रमन सिंह के खिलाफ मैदान में उतारा है.

राज्य में चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष कोमल हुपेंडी को भानुप्रतापपुर सीट से मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस विधायक अनूप नाग, जिन्हें पार्टी ने टिकट देने से इनकार कर दिया था, अपनी मौजूदा अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.  प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने इन निर्वाचन क्षेत्रों में 17 सीटें जीती थीं, जबकि बीजेपी को दो और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) को एक सीट मिली थी. बाद में कांग्रेस ने उपचुनावों में शेष तीन में से दो सीटें और जीत ली थीं.पहले चरण की सीटों में प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कथित महादेव सट्टेबाजी ऐप घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर हमला बोला. वहीं बीजेपी के अन्य नेताओं ने धर्मांतरण, बिगड़ती कानून व्यवस्था और भ्रष्टाचार पर राज्य सरकार को घेरा.

बीजेपी,कांग्रेस,AAP के बीच मुकाबला

बीजेपी  नेताओं ने बड़े पैमाने पर रैलियां की और दावा किया कि पार्टी के चुनावी वादे मोदी की गारंटी हैं. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को लेकर प्रचार किया तथा दावा किया कि उन्होंने 2018 में किसानों, आदिवासियों, युवाओं और महिलाओं से किए गए वादों को पूरा किया है. छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 68 सीटें जीतकर सरकार बनाई थी. इस चुनाव में बीजेपी को 15 सीटों पर तथा जेसीसी (जे) और बसपा को क्रमशः पांच और दो सीटें मिली थीं. कांग्रेस के विधायकों की संख्या वर्तमान में 71 है.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)