यह मामला केरल जैसा नहीं...राज्यपाल बनाम केरल मामले पर केंद्र , 6 मई को होगी SC में अगली सुनवाई

केरल सरकार ने 2023 में राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में केरल के राज्यपाल द्वारा की गई देरी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है.

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नई दिल्ली:

राज्यपाल द्वारा विधेयकों को मंजूर करने में देरी के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में बहस हुई. SG तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि हम SC के तमिलनाडु फैसले का अध्ययन कर रहे हैं. केरल सरकार का राज्यपाल के खिलाफ मामला तमिलनाडु से अलग है. केरल का मामला SC के तमिलनाडु फैसले पर लागू नहीं होता. सुप्रीम कोर्ट 6 मई को राज्यपाल के खिलाफ केरल सरकार की याचिका पर विचार करेगा.

दरअसल केरल सरकार ने 2023 में राज्य विधानमंडल द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देने में केरल के राज्यपाल द्वारा की गई देरी को चुनौती देने वाली याचिका दायर की है. जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की पीठ ने सुनवाई की. SG तुषार मेहता और AG अटार्नी जनरल का दलीलों पर मामले को 6 मई के लिए टाल दिया.  कोर्ट ने केरल के वकील से पूछा कि फिर वह क्या करने का प्रस्ताव रखते हैं.

क्या केरल सरकार तमिलनाडु के फैसले के मद्देनजर याचिका वापस लेना चाहती है? केरल की ओर से सीनियर एडवोकेट केके वेणुगोपाल ने कोर्ट से तमिलनाडु के राज्यपाल के मामले में हाल ही में आए फैसले के संदर्भ में केरल सरकार की याचिकाओं को अनुमति देने का आग्रह किया. हालांकि, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि वह दलीलें देना चाहते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि केरल का मामला तमिलनाडु के राज्यपाल के मामले के दायरे में नहीं आता है. हम तमिलनाडु फैसले का अध्ययन कर रहे हैं. इसलिए थोड़ा वक्त दिया जाए. 
 

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