सेंट्रल विस्टा : परियोजना के तहत बनने वाले भवनों में होगी मजबूत अग्नि सुरक्षा,  DFS से सात प्रस्तावों को मिली मंजूरी

अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि शुरू में परियोजना के वास्तुकारों को अग्नि सुरक्षा प्रणाली के संदर्भ में कुछ विशिष्ट बदलाव करने के लिए राजी करना आसान नहीं था क्योंकि उनका मानना था कि इस तरह के किसी भी बदलाव से इमारतों की सुंदरता प्रभावित हो सकती है. 

सेंट्रल विस्टा : परियोजना के तहत बनने वाले भवनों में होगी मजबूत अग्नि सुरक्षा,  DFS से सात प्रस्तावों को मिली मंजूरी

इमारतों की डिजाइन को जब मंजूरी के लिए पेश किया गया तो डीएफएस ने उन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी.

खास बातें

  • वास्तुकारों के विरोध के बीच डीएफएस ने प्रस्तावों को मंजूरी दी
  • 7 प्रस्तावों में से प्रत्येक में दो से अधिक भवनों की योजना शामिल
  • सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत भवनों में अत्याधुनिक तकनीक है
नई दिल्ली:

दिल्ली अग्निशमन सेवा (डीएफएस) ने सरकार के सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत बनाए जा रहे भवनों में अग्नि सुरक्षा प्रणाली के सात प्रस्तावों को मंजूरी दे दी है. अधिकारियों ने बुधवार को ये जानकारी दी. उन्होंने कहा कि वास्तुकारों ने यह कहकर विरोध किया था कि बदलाव से इन इमारतों का सौंदर्य प्रभावित होगा. हालांकि, जब इमारतों की डिजाइन को मंजूरी के लिए पेश किया गया तो डीएफएस ने उन प्रस्तावों को मंजूरी दे दी.

प्रस्तावों में ऊंची इमारतों के मामले में दमकल वाहनों की आवाजाही के लिए भीतरी हिस्से में एक सड़क और निकास द्वारों व सीढ़ियों को सुरक्षित रखने के लिए एक अग्नि नियंत्रण मार्ग का प्रावधान शामिल है. उन्होंने कहा कि सीढ़ियों में ‘प्रेशराइजेशन' प्रणाली का इस्तेमाल और बचाव के साधन एक और सिफारिश है, जिसका सुझाव भवन डिजाइन में जहां कहीं भी आवश्यक हो, करने के लिए प्रस्ताव किया गया है.

प्रेशराइजेशन या दबाव प्रणाली का उद्देश्य सीढ़ियों में साफ हवा को पहुंचाकर सीढ़ियों के बंद दरवाजों से घुसने वाले धुएं को रोकना होता है. उन्होंने कहा कि सात प्रस्तावों में से प्रत्येक में दो से अधिक भवनों की योजना शामिल है, जिन्हें 2020-2022 के बीच मंजूरी दी गई थी. ये इमारतें हैं- नया संसद भवन, प्रधानमंत्री कार्यालय का नया भवन, राजपथ, सुविधा प्रखंड और साझा केंद्रीय सचिवालय व कुछ अन्य इमारतें. इनका निर्माण सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत किया जा रहा है. 

अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि इसके अलावा इमारतों में निकास द्वार, होज पाइप, एक स्वचालित छिड़काव प्रणाली, जल भंडारण व्यवस्था और पंपिंग व्यवस्था जैसी विभिन्न अंतर्निहित अग्निशमन व्यवस्था स्थापित करने की सिफारिश की गई हैं. 

दिल्ली अग्निशमन सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा, “जहां तक अग्निशमन विभाग का विचार है, सेंट्रल विस्टा परियोजना के तहत भवनों में अत्याधुनिक तकनीक है. हमने अग्नि सुरक्षा प्रणाली के लिए सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा प्रदान करने का प्रयास किया है. इसमें एक विशाल अग्नि नियंत्रण कक्ष की स्थापना के साथ-साथ अंतर्निर्मित अग्नि सुरक्षा प्रणालियां भी होंगी.” 

अग्निशमन अधिकारियों ने कहा कि शुरू में परियोजना के वास्तुकारों को अग्नि सुरक्षा प्रणाली के संदर्भ में कुछ विशिष्ट बदलाव करने के लिए राजी करना आसान नहीं था क्योंकि उनका मानना था कि इस तरह के किसी भी बदलाव से इमारतों की सुंदरता प्रभावित हो सकती है. 

निदेशक ने बताया, “हालांकि, परियोजना में शामिल हमारे सेवानिवृत्त सेवा प्रदाताओं, वास्तुकारों और सलाहकारों के साथ काफी चर्चाओं और कम से कम सात-आठ दौर की बैठकों के बाद, वे एक कुशल अग्नि सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अग्निशमन विभाग द्वारा अनुशंसित सभी आवश्यक सुझाव पर अमल को सहमत हुए.”

उन्होंने कहा कि इन सभी इमारतों में उपलब्ध कराई गई अग्नि सुरक्षा प्रणाली “बेहतरीन” है. उन्होंने कहा, “ चूंकि यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना है, इसलिए विभाग ने अधिक अग्निशमन प्रणालियों का सुझाव दिया है. इमारतों की अग्नि सुरक्षा प्रणाली के संदर्भ में सभी उचित सावधानियां बरती गई हैं और भले ही पहले कड़ा प्रतिरोध हुआ था, जहां तक अग्नि प्रणाली की बात है, यह एक आदर्श भवन होगा.”

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