'दिल्ली सरकार RTI कानून लागू करने में नाकाम': केंद्रीय सूचना आयुक्त ने उपराज्यपाल को लिखी चिट्ठी

पत्र में विभाग के कई खास जवाबों का हवाला दिया गया है और आरटीआई आवेदकों तक सूचना जाने से रोकने और गलत एवं भ्रामक सूचना देने का दावा किया गया है.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय सूचना आयुक्त (सीआईसी) उदय माहुरकर ने राष्ट्रीय राजधानी में सूचना के अधिकार (आरटीआई) को उपयुक्त ढंग से लागू करने में दिल्ली सरकार के विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि यह कानून 'लुंज-पुंज कानून' में तब्दील कर दिया है. वहीं अरविंद केजरीवाल सरकार ने यह कहते हुए पलटवार किया कि भाजपा के इशारे पर आयुक्त ने यह पत्र लिखा है. उसने आरोप लगाया कि केंद्रीय सूचना आयोग गंदी राजनीति कर रहा है.

दिल्ली सरकार के बयान में कहा गया है, "यह देखना पीड़ायदक है कि केंद्रीय सूचना आयोग गंदी राजनीति में लिप्त है. दिल्ली सरकार को इस तथ्य पर गर्व है कि उसने आरटीआई कानून को अक्षरश: लागू किया है."

उपराज्यपाल वीके सक्सेना को 22 सितंबर को भेजे पत्र में माहुरकर ने दावा किया कि लोक निर्माण, राजस्व, स्वास्थ्य, बिजली, डीएसआईआईडीसी समेत दिल्ली सरकार के विभिन्न विभागों ने आरटीआई कानून, 2005 के तहत पारदर्शिता के सिद्धांतों एवं जवाबदेही के प्रति अवज्ञा दिखायी. उपराज्यपाल सचिवालय ने आयुक्त के पत्र के आलोक में दिल्ली के मुख्य सचिव को जल्द से जल्द सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

Advertisement

उपराज्यपाल कार्यालय के एक सूत्र ने कहा, "सीआईसी द्वारा उजागर किए गए मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए उपराज्यपाल सचिवालय ने मुख्य सचिव को मामले का जल्द से जल्द समाधान करने के लिए नियमों के अनुसार आवश्यक सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है."

Advertisement

पत्र में आरोप लगाया गया है कि दिल्ली सरकार के कई विभाग या तो निहित स्वार्थ से असली सूचना रोक लेते हैं, या अपीलकर्ता को वैध जानकारी देने से मना कर देते हैं या फिर आवेदक को गलत सूचना दे देते हैं. पत्र में यह भी दावा किया गया है कि ज्यादातर मामलों में जन सूचना अधिकारी (पीआईओ) केंद्रीय सूचना आयोग के सामने उपस्थित नहीं होते हैं और अपने लिपिक तथा निचले स्तर के कर्मियों को आयोग के समक्ष पेश होने के लिए भेज देते हैं.

Advertisement

इस पत्र में विभाग के कई खास जवाबों का हवाला दिया गया है और आरटीआई आवेदकों तक सूचना जाने से रोकने और गलत एवं भ्रामक सूचना देने का दावा किया गया है.

Advertisement

पत्र में कहा गया है, "कई मामलों में अपनी संदिग्ध सांठगांठ के चलते सूचना को रोकने की उनकी ओर से स्पष्ट मंशा रही. यह उन मामलों में अधिक है, जहां पैतृक संपत्तियों समेत विशाल संपत्तियां संबद्ध है और यह स्पष्ट तौर पर उच्च स्तरीय भ्रष्टाचार का संकेत देता है."

Featured Video Of The Day
Meerut Murder: मेरठ में एक और हत्याकांड | बीवी ने प्रेमी संग मारा, फिर सांप से डसवाया | 5 Ki Bat