केंद्र सरकार (Centre Govt) ने दिल्ली की केजरीवाल सरकार (Delhi Govt) की महत्वाकांक्षी 'घर घर राशन योजना' (Ghar Ghar Ration Scheme) पर रोक लगा दी है. यह योजना दिल्ली में राशन को हर घर तक पहुंचाने की थी. दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने 72 लाख लोगों को उनके घर पर राशन पहुंचाने के लिए योजना बनाई थी. एक हफ्ते बाद यह लागू होनी थी. दिल्ली सरकार सूत्रों के मुताबिक, केंद्र सरकार ने कहा है कि इस योजना के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी नहीं गई, इसलिए इसपर रोक लगाई गई है. योजना पर रोक लगाए जाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कल (रविवार) सुबह 11 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे.
बता दें कि राशन योजना के नाम को लेकर भी केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तनातनी हो चुकी है. केंद्र सरकार ने इस बात पर आपत्ति जताई थी कि यह योजना केंद्र की योजना नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत आती है, जिसमें कोई भी बदलाव केवल संसद कर सकती है न कि राज्य. इसलिए दिल्ली सरकार इस योजना का न तो नाम बदल सकती है और न ही इसको किसी और के साथ जोड़ कर सकती है.
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गौरतलब है कि कोरोना की दूसरी लहर में प्रभावित प्रवासी मजदूरों के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मई महीने में आदेश देते हुए कहा था कि केंद्र सरकार, दिल्ली, यूपी और हरियाणा में फंसे प्रवासियों को परिवहन प्रदान करने पर राहत के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दे.
अदालत ने यह भी कहा था कि केंद्र दिल्ली, यूपी और हरियाणा में फंसे प्रवासियों के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत राशन उपलब्ध कराए. मई से प्रवासियों को सूखा राशन दिया जाए. राशन को दिल्ली-एनसीआर में प्रवासियों को बिना आई कार्ड के दिया जाना चाहिए.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली, यूपी में फंसे हुए प्रवासी कामगारों की पहचान करें और सड़क मार्ग से या केंद्र की मदद से ट्रेन द्वारा परिवहन प्रदान करें. इसके साथ ही दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा सामुदायिक रसोई के माध्यम से फंसे प्रवासियों को एक दिन में दो बार भोजन प्रदान करें.
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