केंद्र सरकार ने कर्नाटक, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई तीन सिफारिशों को मंज़ूरी दे दी. लेकिन फिलहाल उस सिफारिश को रोक लिया है, जिसमें उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर करने की सिफारिश की थी.
केंद्र ने जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल को राजस्थान हाईकोर्ट और कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर ट्रांसफर करने, जबकि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जज एएम माग्रे को वहीं पर चीफ जस्टिस बनाने की सिफारिश को मंजूर करते हुए नोटिफिकेशन जारी कर दिया है.
28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने एक बैठक के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस और जजों को लेकर कई सिफारिशें की थी. इसमें उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एस मुरलीधर को मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में ट्रांसफर करने की सिफारिश, जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पंकज मित्तल को राजस्थान हाईकोर्ट और कर्नाटक के मुख्य न्यायाधीश पीबी वराले को बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर ट्रांसफर करने की सिफारिश थी.
साथ ही कॉलेजियम ने जस्टिस जसवंत सिंह को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी. जबकि जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट के जज एएम माग्रे को वहीं पर चीफ जस्टिस बनाने और जस्टिस केवी चंद्रन को केरल हाईकोर्ट से बॉम्बे हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश केंद्र सरकार को भेजी गई थी. वहीं जस्टिस संजय कुमार मिश्रा को उत्तराखंड से झारखंड हाईकोर्ट और जस्टिस अपरेश कुमार सिंह को झारखंड से त्रिपुरा हाईकोर्ट में ट्रांसफर करने की सिफारिश भी की गई है.
ये सिफारिश 28 सितंबर को CJI यू यू ललित, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस संजय किशन कौल के कॉलेजियम ने बैठक के बाद की थी.
जस्टिस एस मुरलीधर का जन्म 8 अगस्त, 1961 को हुआ था. उन्होंने 12 सितंबर, 1984 को एक वकील के रूप में नामांकन किया और चेन्नई, दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में सिविल अदालतों में वकालत की. उन्हें 29 मई, 2006 को दिल्ली हाईकोर्ट के अतिरिक्त जज और 29 अगस्त, 2007 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. बाद में, उन्हें 6 मार्च, 2020 को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर दिया गया. 31 दिसंबर, 2020 को जस्टिस मुरलीधर को उड़ीसा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया था. गौरतलब है कि दिल्ली में हुए दंगों के दौरान उन्होंने रात को सुनवाई कर कुछ आदेश दिए थे, लेकिन इसी दौरान उन्हें पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया गया था.