देश के 1 करोड़ के करीब सरकारी कर्मचारियों को गुरुवार को मोदी सरकार ने बड़ा तोहफा दिया. सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स जिस आठवें वेतन आयोग के गठन का लंबे समय से इंतजार कर रहे थे, केंद्र सरकार ने उसको मंजूरी दे दी है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया. 8वें वेतन आयोग के गठन के बाद उसकी रिपोर्ट के आने पर सिफारिशें 1 जनवरी 2026 तक लागू होने की उम्मीद है. आठवां वेतन आयोग कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन आदि की समीक्षा करेगा.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन का निर्णय लिया गया.
वेतन आयोग की टाइमलाइन
- पारंपरिक रूप से हर 10 साल में कर्मचारियों की सैलरी, भत्ते और पेंशन आदि की समीक्षा के लिए केंद्रीय वेतन आयोग का गठन किया जाता है.
- वेतन आयोग महंगाई में बढ़ोतरी आदि फैक्टर्स को आधार मानकर कर्मचारियों के वेतन-भत्तों की समीक्षा करता है.
- 28 फरवरी 2014 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सातवें वित्त आयोग का गठन किया था. आयोग ने 19 नवंबर 2015 में अपनी रिपोर्ट दे दी थी.
- सातवें वित्त आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2016 से लागू कर दी गई थीं. इससे लाखों कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और पेंशन रिवाइज हुई थी.
- इस हिसाब से आठवें वेतन आयोग को 1 जनवरी 2026 से लागू होना है.
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वेतन आयोग क्या है?
केंद्र सरकार अपने कर्मचारियों (Central Government Employees) के वेतन, भत्तों और अन्य लाभों में हर 10 साल में संशोधन करती है. इसके लिए एक समिति बनाई जाती है, जिसे केंद्रीय वेतन आयोग (Central Pay Commission) कहा जाता है. यह आयोग महंगाई और अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए वेतन में बढ़ोतरी की सिफारिश करता है.
1947 से अब तक 8 वेतन आयोग का हो चुका है गठन
जनवरी 1946 में देश में पहला वेतन आयोग गठित हुआ था. वर्ष 1947 से अब तक 8 वेतन आयोग का गठन किया गया है. वहीं, सातवां वेतन आयोग 28 फरवरी, 2014 को बना था और अब 8वां वेतन आयोग का गठन किया गया है.