सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार के टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies ) पर वन टाइम स्पेक्ट्रम चार्ज (OTSC) के बकाया भुगतान पर फिर से विचार करने पर सहमति जताई है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया कि वो दूरसंचार विभाग के 40 हजार करोड़ बकाया पर पुनर्विचार करने पर कोई विचार व्यक्त नहीं कर रहा है. 17 नंवबर को मामले कीअगली सुनवाई होगी. दरअसल, केंद्र सरकार टेलीकॉम कंपनियों पर 40,000 करोड़ रुपये के बकाया OTSC पर फिर से विचार करने को तैयार हो गई है.
Jio ने Airtel और Vodafone Idea को पीछे छोड़ दिखाई पैसे की पावर, खरीदा Rs 57 हजार करोड़ का स्पैक्ट्रम
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. केंद्र ने टेलीकॉम कंपनियों पर दबाव का हवाला दिया है. इसमें 40,000 करोड़ बकाया पर पुनर्विचार की संभावना जताई गई है.
दूरसंचार विभाग (DoT) ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि 40,000 करोड़ रुपये के OTSC से टेलीकॉम कंपनियों पर वित्तीय बोझ पड़ेगा. सरकारी उपायों के बावजूद अधिकांश दूरसंचार कंपनियां घाटे में चल रही हैं. सेक्टर दबाव में है.बैंकों ने चेतावनी दी है कि ये हालात कंपनियों के डूबने, प्रतिस्पर्धा खत्म होने और एकाधिकार का कारण बन सकते हैं.
कैबिनेट ने कुछ टीएसपी की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए एकाधिकार की स्थिति को रोकने के लिए विभिन्न उपायों को मंजूरी दी है. इसलिए DoT इस मामले में पुनर्विचार करना चाहता है. अदालत में चल रही वर्तमान कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्णय की समीक्षा करना चाहता है. केंद्र ने कहा है कि इस पर पुनर्विचार के लिए 3 सप्ताह का समय चाहिए.