केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने एक और बड़ी कामयाबी हासिल की है. इंटरपोल चैनलों के ज़रिए भगोड़े आरोपी उपवन पवन जैन को यूएई (दुबई) से भारत लाया गया है. आरोपी एक बड़े धोखाधड़ी और जालसाज़ी के मामले में वांछित था. सीबीआई के इंटरनेशनल पुलिस कोऑपरेशन यूनिट (IPCU) ने अबू धाबी की नेशनल सेंट्रल ब्यूरो (NCB) के साथ मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया. उपवन को 20 जून, 2025 को अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लाया गया. आरोपी के खिलाफ मामला सूरत के अदाजन थाना में दर्ज है.
आरोप है कि वह रियल एस्टेट एजेंट के तौर पर काम करते हुए लोगों को जाली दस्तावेज़ दिखाकर फर्जी तरीके से प्रॉपर्टी बेचने का झांसा देता था. उपवन पवन जैन ने चार अलग-अलग प्रॉपर्टी दिखाईं और खरीदार को यकीन दिलाया कि वो असली मालिकों से ही सौदा करवा रहा है. लेकिन हकीकत में, उसने अपने साथियों को असली मालिकों की नकली पहचान दिलवाई, और फर्जी दस्तावेज़ों के ज़रिए बैंक अकाउंट्स भी खुलवाए. इस पूरे षड्यंत्र के ज़रिए उसने 3.66 करोड़ रुपये की ठगी की गई.
6 मार्च, 2023 को सीबीआई ने गुजरात पुलिस की मांग पर आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस जारी करवाया था. इसके बाद आरोपी को यूएई में ट्रेस किया गया और वहां गिरफ्तार कर लिया गया. सीबीआई ने गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के ज़रिए यूएई को आधिकारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भी भेजा था.
100 से ज़्यादा भगोड़े अपराधी भारत लाए गए
बता दें कि रेड नोटिस इंटरपोल द्वारा जारी किया जाता है और दुनियाभर की एजेंसियों को भगोड़ों की जानकारी भेजी जाती है.
भारत में CBI ही इंटरपोल की नोडल एजेंसी है और देशभर की पुलिस एजेंसियों को इंटरपोल के ज़रिए मदद मुहैया कराती है. पिछले कुछ सालों में 100 से ज़्यादा भगोड़े अपराधियों को इंटरपोल के ज़रिए भारत वापस लाया जा चुका है. ये वापसी CBI के अंतरराष्ट्रीय समन्वय की एक और बड़ी सफलता मानी जा रही है.