पटाखों में प्रतिबंधित केमिकल (Toxic Chemicals In Firecrackers) के इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सख्ती नाराजगी दिखाई है. पटाखों में बेरियम का उपयोग करने के लिए शिवकाशी (तमिलनाडु) के 6 निर्माताओं को अवमानना के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के पहले के आदेशों का उल्लंघन करने के लिए आपके खिलाफ अवमानना कार्रवाई क्यों ना शुरू की जाए. बच्चे पीड़ित हैं, अस्थमा से लोग पीड़ित हैं. हमारे देश में हम हर दिन कुछ न कुछ आयोजित करते हैं और इन समारोहों में पटाखे चलाते हैं. हम जश्न के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हम दूसरों को उसकी वजह से मरने नहीं दे सकते.
सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एम आर शाह ने कहा, 'पिछले साल हमने उल्लंघन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था. सीबीआई की प्रारंभिक जांच में पटाखा निर्माताओं द्वारा कई उल्लंघनों का पता चला. कच्चे माल और पटाखों के विभिन्न नमूने एकत्र किए गए और विश्लेषण के लिए भेजे गए. यह पाया गया कि कई निर्माता बेरियम का उपयोग कर रहे हैं जिसे अदालत ने प्रतिबंधित कर दिया था. यह भी पाया गया कि पटाखों के निर्माण के लिए उनके उपयोग पर प्रतिबंध के बावजूद निर्माताओं द्वारा भारी मात्रा में बेरियम खरीदा गया. यह भी पाया गया है कि पटाखों पर लेबल भ्रामक थे. रासायनिक संरचना और निर्माण की तारीख शामिल नहीं थी.'
लेकिन उन्हें (निर्माताओं को) अपना मामला आगे रखने और अगली सुनवाई में अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देने के लिए, सीबीआई के निष्कर्षों की रिपोर्ट उनके साथ साझा की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट अब 6 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई करेगा.
सुप्रीम कोर्ट ने आतिशबाजी और पटाखों पर पाबंदी और ग्रीन पटाखों पर सीबीआई की रिपोर्ट में दर्ज तथ्यों को काफी गंभीर माना है. रिपोर्ट छुपाने के लिए कोर्ट ने पटाखा निर्माताओं को जिम्मेदार माना है. सुनवाई के दौरान जस्टिस एम आर शाह और ए एस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि आप त्योहार का उत्सव मनाना चाहते हैं, हम भी मनाना चाहते हैं लेकिन किस कीमत पर ये भी हमें सोचना है.