शराब नीति घोटाला मामले में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को औपचारिक रूप से गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई के दौरान अरविंद केजरीवाल ने करीब 1 मिनट तक अपना पक्ष रखा. इस दौरान उन्होंने अपने खुद को निर्दोष बताया. वहीं, केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को 20 जून 2024 को निचली अदालत ने जमानत दी, अब CBI को दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़रूरत क्यों है? वह इंतज़ार क्यों कर रहे थे? सीबीआई कह रही है कि उनके पास सामग्री थी, फिर पहले उन्होंने अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तारी क्यों नहीं किया?
केजरीवाल ने कोर्ट में क्या कहा?
अरविंद केजरीवाल ने खुद खड़े होकर कहा कि सीबीआई की तरफ से मीडिया में प्लांट किया जा रहा है कि मैंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया है. मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. मैंने कहा है- मैं भी निर्दोष हूं... मनीष सिसोदिया भी निर्दोष हैं. अभी तो इन्होंने अरेस्ट किया है अगले तीन-चार दिन तक यह इसी तरह की चीज प्लांट करेंगे. इस चीज को भी ऑन रिकॉर्ड लिया जाए कि कैसे मीडिया में प्लांट किया जा रहा है और बदनाम किया जा रहा है. मैं यही भी कहना चाहता हूं कि आम आदमी पार्टी भी निर्दोष है.
अरविंद केजरीवाल की आपत्ति के बाद जज ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया जैसा CBI के वकील दावा कर रहे हैं. इसके बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुझसे पूछा गया था कि लिकर पॉलिसी क्यों बनाई गई. तो मैं इनको (CBI) बताया कि 3 पॉइंट थे. पहला- रेवेन्यू बढ़ाना, दूसरा- लॉ एंड आर्डर संभालने के लिए दुकानों पर भीड़ कम करना और तीसरा- शराब की दुकानों का सही अनुपात में खुलना (समान वितरण). पॉलिसी में इन तीन चीजों के लिए ध्यान रखने के निर्देश मैंने मनीष सिसोदिया को दिए थे.
सीबीआई ने कोर्ट बताया केस का साउथ कनेक्शन
सीबीआई ने इस दौरान अरविंद केजरीवाल का अरेस्ट मेमो कोर्ट को दिया गया. अधिकारियों ने कोर्ट को बताया कि हमने केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है. इसके बाद सुनवाई के दौरान सीबीआई की ओर से कहा गया, "16 मार्च 2021 को एक शराब कारोबारी से संपर्क किया गया कि केजरीवाल शराब नीति को लेकर मिलना चाहते हैं. 20 मार्च को के. कविता और मगुनता रेड्डी की मुलाकात हुई. विजय नायर, आम आदमी पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज को बैठक के लिए को ऑर्डिनेट करने के लिए कहा गया. लॉकडाउन होने के बावजूद प्राइवेट प्लेन से दक्षिण से एक टीम दिल्ली आई. मीटिंग हुई, जबकि कोरोना चरम पर था. बुच्चीबाबू ने रिपोर्ट विजय नायर को दी और फिर वो सिसोदिया के पास फाइल पहुंची. साउथ ग्रुप ने बताया कि दिल्ली की शराब नीति कैसी होनी चाहिए.
हमारे पास मामले में पर्याप्त सबूत- सीबीआई
कोर्ट को सीबीआई ने बताया, "एलजी ऑफिस ने शराब नीति को लेकर मंत्रीमंडल की बैठक के लिए बोला था जो नहीं हुआ. हमारे पास पैसे का ट्रेल है, पर्याप्त सबूत हैं. साउथ ग्रुप के कहने पर पॉलिसी में बदलाव हुए. आबकारी नीति साउथ ग्रुप ने कहने पर लाई गई, पब्लिक ओपिनियन के नाम पर फर्जीवाड़ा किया गया, आप कार्यकर्ताओ के ज़रिए एक फर्जी ओपिनियन बनाया गया." सीबीआई ने कहा कि पॉलिसी के लिए सार्वजनिक सुझाव मांगे और उन सुझावों से छेड़छाड़ की गई, वह मनगढ़ंत थे. हमारे पास इसके लिए पर्याप्त सबूत हैं कि यह आप सदस्य थे, जो टिप्पणियां कर रहे थे. जब ऐसा हो रहा था, तो कुछ अधिकारी ऐसे थे जो हस्ताक्षर करने को तैयार नहीं थे, जिस अधिकारी ने कहा था कि मैं हस्ताक्षर नहीं करूंगा, उसे बदल दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तारी की टाइमिंग पर उठाए सवाल
इस पर कोर्ट ने कहा कि कोई भी नीति नौकरशाही स्तर से होकर मंत्री के पास जाती है, यह सामान्य प्रक्रिया है. आप कह रहे हैं कि रिपोर्ट मंत्री के पास गई, मंत्री ने टिप्पणी मांगी और उसके बाद कुछ बदलाव पॉलिसी किया गया. कोर्ट ने सीबीआई के वकील से पूछा कि अभी ही गिरफ्तारी क्यों हुई? CBI ने इसके जवाब में कहा, "इससे पहले केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए अंतरिम जमानत पर थे. सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी. अगर इस बीच उन्हें गिरफ्तार किया जाता, तो गलत संदेश जाता. हम सुप्रीम कोर्ट की गरिमा को कम नहीं करना चाहते थे. CBI ने केजरीवाल की 5 दिन की कस्टडी मांगी और कोर्ट से कहा, "हमें केजरीवाल से हिरासत में पूछताछ की जरूरत है. वह यह भी नहीं बता रहे हैं कि विजय नायर उनके अधीन काम कर रहे थे. उनका कहना है कि वह आतिशी मार्लेना और सौरभ भारद्वाज के अधीन काम कर रहे थे. उन्होंने सारा दोष मनीष सिसोदिया पर डाल दिया और कहा कि उन्हें आबकारी नीति के बारे में कोई जानकारी नहीं है."
केजरीवाल के वकील ने पूछ- क्या यह गिरफ्तारी का वैध कारण है?
केजरीवाल के वकील विक्रम चौधरी ने कहा कि मुझे 20 जून 2024 को निचली अदालत ने जमानत दिया, अब CBI को मेरी ज़रूरत क्यों है? वह इंतज़ार क्यों कर रहे थे? वह कहते हैं कि उनके पास सामग्री थी, पहले उन्होंने आकर गिरफ्तारी क्यों नहीं किया? अगर जांच एजेंसी की बात को कबूल करें, तो ये जांच में सहयोग माना जाएगा. ये कैसी दलील है सीबीआई की. CBI ने चार चार्जशीट दाखिल की हैं. अब केजरीवाल को गिरफ्तार कर रहे हैं और अभी भी इनके ज़रिए कुछ लोगों की पहचान करनी है? क्या यह गिरफ्तारी का वैध कारण है?
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