हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला स्थित राज्य विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार पर खालिस्तान के झंडे लटके पाये जाने और इसकी दीवारों पर कुछ आपत्तिजनक नारे लिखे जाने के मामले में पुलिस ने रविवार को 'सिख फॉर जस्टिस' संगठन के नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ गैर-कानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) समेत अन्य संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया..
विधानसभा परिसर के मुख्य गेट नंबर एक की बाहरी तरफ ये झंडे लटके मिले जिन्हें अब प्रशासन ने हटा दिया है.. हिमाचल विधानसभा का शीतकालीन सत्र अमूमन धर्मशाला में आयोजित होता है.. हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों और पड़ोसी राज्यों में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों और कथित तौर पर छह जून को खालिस्तान ''जनमत संग्रह दिवस'' घोषित किये जाने की खबरों के बीच राज्य के पुलिस महानिदेशक ने सीमाओं को ''सील'' करने के साथ ही राज्यभर के संवेदनशील एवं भीड़भाड़ वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने का आदेश दिया है..
हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि पन्नू के खिलाफ बतौर मुख्य आरोपी यूएपीए की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 153बी के अलावा अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है..कुंडू ने एक बयान में कहा कि कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील के अंतर्गत कानेद गांव के राम चंद उर्फ अजय कुमार की शिकायत पर पन्नू और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है..
डीजीपी ने धर्मशाला में हिमाचल विधानसभा परिसर तपोवन के मुख्य द्वार के पास बाहरी दीवारों पर खालिस्तान के झंडे लगे और खालिस्तान समर्थक नारे लिखे पाये जाने से जुड़े मामले की जांच के लिए सात सदस्यीय विशेष जांच दल का गठन किया है..
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