मध्य प्रदेश में एक साथ 6 महिला जजों की बर्खास्तगी का मामला, सुप्रीम कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग में इन महिला जजों को बर्खास्त सिफारिश की गई थी. इसी अनुशंसा के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है. यह सभी महिला प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ थीं. सेवाओं से बर्खास्तगी के बाद राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins

मध्य प्रदेश में सरकार द्वारा 6 महिला जजों को बर्खास्त कर दिया गया था, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को स्वत: संज्ञान लिया है.  न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना और न्यायमूर्ति संजय करोल की पीठ ने अधिवक्ता गौरव अग्रवाल को इस मामले में न्यायालय की सहायता के लिए एमिकस क्यूरी नियुक्त किया. दरअसल मध्यप्रदेश में  बड़ा फैसला लेते हुए 6 महिला जजों को एकसाथ नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. इन महिला जजों पर आरोप था कि ये सही से काम नहीं कर रही थीं.

सरकार ने बताया कि ये सभी 6 महिला जज संतोषजनक काम नहीं कर पा रही थीं. ऐसे में सरकार ने इन सभी 6 महिला जजों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया. मध्य प्रदेश के विधि और विधायी कार्य विभाग ने यह बड़ी कार्रवाई की है.ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेते हुए अधिवक्ता गौरव अग्रवाल को मिकस क्यूरी नियुक्त किया है.

बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति की बैठक और फुलकोर्ट मीटिंग में इन महिला जजों को बर्खास्त सिफारिश की गई थी. इसी अनुशंसा के आधार पर मध्य प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है. यह सभी महिला प्रदेश के अलग-अलग जिलों में पदस्थ थीं. सेवाओं से बर्खास्तगी के बाद राजपत्र में इस संबंध में अधिसूचना जारी की गई है.

Featured Video Of The Day
Bihar Elections 2025: Chirag Paswan और Prashant Kishor आएंगे साथ, बिगाड़ देंगे खेल?