UP विधान परिषद में LOP की मान्यता समाप्त करने का मामला : SC ने विधानसभा सचिवालय से मांगा जवाब

सपा नेता लाल बिहारी यादव वर्ष 2020 में विधान परिषद सदस्य बने और 27 मई 2020 को उन्हें विधान परिषद के विरोधी दल के नेता के रूप में मान्यता दी गई. बाद में परिषद में सपा विधायकों की संख्या दस फीसदी से कम होने पर सभापति ने उनकी मान्यता समाप्त कर दी थी.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष की मान्यता समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. 
नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष ( LOP) की मान्यता समाप्त करने के फैसले को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में विधानसभा सचिवालय से जवाब मांगा है. सपा MLC लाल बिहारी यादव की याचिका पर उनकी तरफ से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि 90 निर्वाचित और 10 मनोनीत सदस्य हैं. सवाल यह है कि 10% नियम को लेकर आधार किसको माना जाए?

जस्टिस पीएस नरसिम्हा ने कहा कि मुझे लगता है कि पिछली लोकसभा में यह मुद्दा उठा था और पता चला कि प्रतिशत जरूरी नहीं है. एक बार विपक्ष हो तो एक नेता भी होना चाहिए. मुख्य न्यायधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जब तक क़ानून द्वारा प्रतिबंधित न हो, विपक्ष का मतलब केवल सरकार में नहीं है. हम मामले पर नोटिस जारी कर रहे हैं. लाल बिहारी यादव ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. 

आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लाल बिहारी यादव की याचिका को खारिज कर दिया था. समाजवादी पार्टी के नेता लाल बिहारी यादव वर्ष 2020 में विधान परिषद सदस्य बने और 27 मई 2020 को उन्हें विधान परिषद के विरोधी दल के नेता के रूप में मान्यता दी गई. बाद में परिषद में समाजवादी पार्टी के विधायकों की संख्या दस फीसदी से कम होने पर सभापति ने उनकी मान्यता समाप्त कर दी थी, जिसे उन्होंने हाईकोर्ट  में चुनौती दी थी.

यह भी पढ़ें-
"उनके पास कीचड़ था, मेरे पास गुलाल... जिसके पास जो था, उछाल दिया..." : विपक्ष पर कटाक्ष करते बोले PM नरेंद्र मोदी
Turkey Earthquake: भूकंप के 72 घंटे के बाद फंसे लोगों के जिंदा रहने की उम्मीद कम, अब तक करीब 20000 मौतें


 

Featured Video Of The Day
NDTV की खबर का बड़ा असर, MP Police Bharti Scam में CM ने दिए कड़ी कार्रवाई के निर्देश
Topics mentioned in this article