दिल्‍ली से न्यूयॉर्क जा रही फ्लाइट में कैंसर मरीज ने बैग रखने के लिए मांगी मदद, नीचे उतारा

कैंसर पेशेंट मीनाक्षी सेनगुप्ता ने फ्लाइट अटेंडेंट को लेकर आरोप लगाया कि उससे "बार-बार" सहायता करने के लिए कहा, लेकिन उसने अनुरोध को असभ्‍यता से अस्वीकार कर दिया और अपने दम पर ऐसा करने के लिए कहा और चली गई. 

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कैंसर पेशेंट महिला ने आरोप लगाया है कि उसके अनुरोध को असभ्‍यता से अस्वीकार कर दिया. (प्रतीकात्‍मक)
नई दिल्ली :

कैंसर से जूझ रही एक महिला को कथित तौर पर अमेरिकन एयरलाइंस की एक फ्लाइट से दिल्‍ली एयरपोर्ट पर उतार दिया गया. महिला की हाल ही में सर्जरी हुई थी और उसने एक फ्लाइट अटेंडेंट से अपना हैंड बैग ओवरहेड केबिन में रखने के लिए सहायता मांगी थी. यह घटना 30 जनवरी की है और घटना महिला द्वारा फ्लाइट अटेंडेंट के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने के बाद सामने आई है. महिला की पहचान मीनाक्षी सेनगुप्‍ता के रूप में हुई है. महिला ने फ्लाइट अटेंडेंट पर आरोप लगाया है कि उसके 5 पाउंड वजन वाले हैंडबैग को ओवरहेड केबिन में रखने में मदद करने से इनकार कर दिया. महिला का कहना है कि वह कमजोरी के कारण बैग को ओवरहेड केबिन में रखने में असमर्थ थी. 

मीनाक्षी सेनगुप्ता ने दिल्ली पुलिस को अपनी शिकायत में कहा कि उन्होंने अपनी सीट के लिए व्हीलचेयर का भी अनुरोध किया था. उन्‍होंने कहा, "मैंने एक ब्रेस भी पहना था, जो सभी को दिख रहा था और जिससे उन्हें पता चल जाएगा कि मुझे कुछ परेशानी है, क्योंकि मैं अपने हाथों में बिलकुल भी वजन नहीं उठा सकती हूं और सर्जरी से कमजोर हूं."

महिला ने कहा, "ग्राउंड स्टाफ बहुत सहयोगी था और उसने मुझे विमान में चढ़ने और सीट के किनारे पर अपना हैंडबैग रखने में मदद की. उड़ान के अंदर एक बार मेरी एयर होस्टेस के साथ बातचीत हुई और मैंने उन्हें अपनी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में बताया. उनमें से किसी ने भी मेरे हैंडबैग को दूर रखने के बारे में नहीं बताया. फ्लाइट उड़ान भरने ही वाली थी कि केबिन की रोशनी कम हो गई. उस वक्‍त एक एयर होस्टेस मेरे हैंडबैग को ओवरहेड डिब्बे में रखने के लिए कहने आई थी. मैंने उससे अनुरोध किया कि वह मेरी मदद करे, लेकिन उसने ऐसा करने से मना कर दिया और मुझसे कहा कि यह करना उसका काम नहीं है."

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सेनगुप्ता ने आगे उल्लेख किया कि उससे "बार-बार" सहायता करने के लिए कहा, लेकिन उसने अनुरोध को असभ्‍यता से अस्वीकार कर दिया और अपने दम पर ऐसा करने के लिए कहा और चली गई.

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सेनगुप्ता ने आरोप लगाया, ''वह अपने शब्दों से बेहद असभ्य और अहंकारी थी". साथ ही महिला ने आरोप लगाया कि जब मैं शिकायत करने के लिए विमानकर्मियों के पास गई तो वे "काफी हद तक उदासीन" थे और उन्‍होंने कहा कि वे हस्तक्षेप नहीं करना चाहते. 

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महिला ने कहा, "उन्होंने कहा कि अगर मैं इतना असहज महसूस कर रही हूं तो मुझे विमान से उतर जाना चाहिए. मुझे विमान से उतारने के फैसले में वे सामूहिक थे."

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यह घटना सोशल मीडिया पर भी वायरल हो गई और लोगों ने नागरिक उड्डयन मंत्रालय और दिल्ली महिला आयोग से इस मामले पर ध्यान देने का आग्रह किया. 

इस बीच नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने मामले का संज्ञान लिया है और अमेरिकन एयरलाइंस से अपनी रिपोर्ट देने को कहा है. 

एयरलाइन ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि मामले की जांच की जा रही है. साथ ही कहा, "30 जनवरी को अमेरिकन एयरलाइंस की फ्लाइट 293 के दिल्ली से न्यूयॉर्क के लिए उड़ान भरने से पहले चालक दल के सदस्यों के निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए एक बाधा डालने वाले कस्‍टमर को विमान से हटा दिया गया था. हमारी कस्‍टमर रिलेशंस टीम ने कस्‍टमर को उनके टिकट के पैसे वापस करने के लिए संपर्क किया है."

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