क्या LGBTQI ब्लड डोनेट कर सकते हैं? सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला, जानिए पूरा विवाद

2017 के नियम ट्रांसजेंडर, महिला यौनकर्मियों और पुरुष के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों को रक्तदान करने और रक्तदाता होने से पूरी तरह प्रतिबंधित करते हैं.

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नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में LGBTQ+ समुदाय ने रक्तदान की इजाजत देने की मांग करते हुए याचिका दायर की गई है. इस याचिका में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, राष्ट्रीय रक्त आधान परिषद (NBTC) और राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन ने 2017 के नियमों की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है. इस याचिका को शरीफ रंगनेकर ने दाखिल किया है. 

बता दें कि 2017 के नियम ट्रांसजेंडर, महिला यौनकर्मियों और पुरुष के साथ यौन संबंध रखने वाले पुरुषों को रक्तदान करने और रक्तदाता होने से पूरी तरह प्रतिबंधित करते हैं. इस पर याचिकाकर्ता का कहना है कि इस तरह का पूर्ण प्रतिबंध संविधान के अनुच्छेत 14,15,17 और 21 के तहत संरक्षित समानता, सम्मान और जीवन के अधिकार का उल्लंघन है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट 30 जुलाई को सुनवाई करेगा.

मामले में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच सुनवाई करेगी. 

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