मोदी मंत्रिमंडल ने किसानों को दी 7 बड़ी सौगात, डिजिटल कृषि मिशन को मिली मंजूरी

कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम के साथ पशुधन के टिकाऊ स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है.

Advertisement
Read Time: 3 mins
नई दिल्ली:

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को कृषि क्षेत्र से संबंधित सात बड़े कार्यक्रमों के लिए करीब 14,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी. इसमें डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए योजना भी शामिल है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 85 दिनों में कुल 2,48,677 करोड़ रुपये की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ये अहम फैसला किया गया. सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंत्रिमंडल में लिए गए इन निर्णयों की जानकारी दी.

अश्विनी वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने 2,817 करोड़ रुपये का डिजिटल कृषि मिशन और फसल विज्ञान के लिए 3,979 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी है.

उन्होंने बताया कि कृषि शिक्षा और प्रबंधन को मजबूत करने के लिए 2,291 करोड़ रुपये के कार्यक्रम के साथ पशुधन के टिकाऊ स्वास्थ्य के लिए 1,702 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी गई है.

इसके अलावा मंत्रिमंडल ने बागवानी क्षेत्र के टिकाऊ विकास के लिए 860 करोड़ रुपये की एक और योजना को भी स्वीकृति दी है.

वैष्णव ने कहा कि मंत्रिमंडल ने कृषि विज्ञान केंद्रों के लिए 1,202 करोड़ रुपये और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूती देने के लिए 1,115 करोड़ रुपये की योजना को भी मंजूरी दी है.

कृषि क्षेत्र से संबंधित इन सातों कार्यक्रमों के लिए कुल आवंटन 13,960 करोड़ रुपये से अधिक का है.

केन्स साणंद में लगेगा 3,307 रुपये का सेमीकंडक्टर संयंत्र

केंद्रीय कैबिनेट ने गुजरात के साणंद में 63 लाख चिप प्रतिदिन उत्पादन क्षमता वाली सेमीकंडक्टर इकाई स्थापित करने के केन्स के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. इसके लिए 3,307 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णयों की घोषणा करते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारत में एक सेमीकंडक्टर परिदृश्य स्थापित हो रहा है.

मंत्री ने कहा, "आज मंत्रिमंडल ने केन्स संयंत्र को मंजूरी दे दी है, जिसकी प्रतिदिन 63 लाख चिप का विनिर्माण करने की क्षमता है. ये संयंत्र 46 एकड़ में बनेगा. ये एक बड़ा संयंत्र है और उत्पादन का बड़ा हिस्सा केन्स इंडस्ट्रीज को जाएगा. इसकी बुकिंग पहले ही हो चुकी है."

Advertisement
ये संयंत्र बिजली क्षेत्र से संबंधित चिप की भी आपूर्ति करेगा. कंपनी ने इस परियोजना के लिए गुजरात के साणंद में पहले ही जमीन का अधिग्रहण कर लिया है और जल्द ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा. इस इकाई के लिए प्रस्तावित निवेश करीब 3,307 करोड़ रुपये है.

वैष्णव ने कहा, "इस संयंत्र में बिजली से संबंधित चिप... मोटा वाहन और घरेलू उपकरणों में इस्तेमाल होने वाली चिप का भी विनिर्माण किया जाएगा."

Featured Video Of The Day
Donald Trump vs Kamala Harris: ट्रंप के लिए 'खतरे की घंटी' तो नहीं, कमला की बढ़ती लोकप्रियता
Topics mentioned in this article