वडोदरा में बनेगा C-295 एयरक्राफ्ट, जानें इस तरह उड़ाएगा दुश्मनों के छक्के

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे छोटा रनवे चाहिए होता है. इसे उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे और उतरने के लिए केवल 420 मीटर का रनवे चाहिए होता है.

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C 295 प्लेन की खासियत

नई दिल्ली:

पीएम नरेंद्र मोदी ने स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज़ के साथ गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड (टीएएसएल) की नई सी-295 विमान (C-295 aircraft) निर्माण यूनिट का उद्घाटन किया है. यह यूनिट सैन्य विमानों के लिए भारत की पहली निजी क्षेत्र की फाइनल असेंबली लाइन (एफएएल) है, जो देश की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी. आइये जानते हैं  C-295 इसकी खासियतों के बारे में कि कैसे ये दुश्मनों के छक्के छुड़ाने में  देश की मदद करेगा.

इस विमान की क्या खासियत है आइए इसे समझते हैं.

C-295 विमान को दो पायलट उड़ाते हैं. इसमें 73 सैनिक को एक साथ एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है. यानी इतने कमांडोज को एक साथ कहीं भी ले जाया जा सकता है. सैन्य ऑपरेशन में इसकी महत्वपूर्ण भूमिका होगी.  इसमें एक साथ 12 स्ट्रेचर इंटेसिव केयर मेडवैक या 27 स्ट्रेचर मेडवैक के साथ 4 मेडिकल अटेंडेंट सफर कर सकते हैं. सी-295 विमान 5-10 टन परिवहन क्षमता के साथ सामरिक संचालन के लिए डिज़ाइन किया गया है. इस विमान की लंबाई 80.3 फीट, पंखे 84.8 फीट और इस विमान की ऊंचाई 28.5 फीट है. 

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  1. छोटे रनवे से उड़ान- लैंड करने में सक्षम
  2.  हवा में रिफ्यूलिंग की सुविधा
  3. लगातार 11 घंटे भर सकता है उड़ान
  4. पहाड़ी इलाकों में भी पूरी तरह कारगर
  5. 9 टन पेलोड या 73 सैनिक ले जाने की क्षमता
  6. विमान में दो इंजन, 482 किमी/घंटे रफ्तार
     

482 KMPL की स्पीड

इसके अलावा विमान में 7650 लीटर तेल आता है. यह अधिकतम 482 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ता है. यह विमान 1277 से 4587 किलोमीटर तक उड़ान भर सकता है. यह विमान अधिकतम 13,533 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. 

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छोटे रन वे से उड़ान और लैंडिंग

इसकी सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे छोटा रनवे चाहिए होता है. इसे उड़ान भरने के लिए 844 मीटर से 934 मीटर लंबाई वाला रनवे और उतरने के लिए केवल 420 मीटर का रनवे लगता है. बताया जाता है कि इसमें छह हार्डप्वाइंट्स होते हैं. हार्डप्वाइंट का मतलब हथियार और बचाव प्रणाली लगाने की जगह का होना होता है. इस विमान में 800 किलोग्राम के हथियार लगाए जा सकते हैं.

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उल्लेखनीय है कि टाटा ने पिछले साल नवंबर से 40 सी295 विमानों के लिए मेटल कटिंग का काम शुरू किया है. हैदराबाद में फिलहाल इसकी मेन कॉन्स्टीट्यूंट एसेंबली है. वहां पर कई पार्ट्स को जमाएंगे. टाटा की हैदराबाद यूनिट एयरक्राफ्ट के प्रमुख हिस्सों को फैब्रिकेट करेगी. इसके बाद उसे वडोदरा भेजा जाएगा. 

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2021 में, भारत के रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए 56 सी-295 परिवहन विमानों की आपूर्ति के लिए एयरबस रक्षा और स्पेस एसए, स्पेन के साथ ₹21,935 करोड़ के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. इस अनुबंध के तहत, 16 विमानों को पूरी तरह से स्पेन से असेंबल किया जाना है, जबकि शेष 40 को भारत में वडोदरा में नई टीएएसएल सुविधा में असेंबल किया जाना है. अधिकारियों के अनुसार, वडोदरा में स्थानीय स्तर पर निर्मित पहला विमान सितंबर 2026 तक पूरा हो जाएगा, सभी 40 इकाइयों की डिलीवरी अगस्त 2031 तक निर्धारित की गई है.

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वडोदरा यूनिट को न केवल विमान को असेंबल करने का काम सौंपा गया है, बल्कि भविष्य में रखरखाव और अपग्रेड सेवाओं को देने के साथ, निर्माण से लेकर असेंबली, परीक्षण और अंतिम डिलीवरी तक संपूर्ण उत्पादन साइकल को संभालने की जिम्मेदारी दी गई है.
 

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