लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद बहुजन समाज पार्टी ने एक बड़ा कदम उठाया है. पार्टी ने हरियाणा विधानसभा का चुनाव इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के साथ मिलकर लड़ने की घोषणा की है. दोनों दलों ने सीटों का बंटवारा भी कर लिया है.राज्य की 90 विधानसभा सीटों में से इनेलो 53 और बसपा 37 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसकी घोषणा चंडीगढ़ में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई.दोनों दलों ने तीसरी बार गठबंधन किया है.
क्या बोले अभय सिंह चौटाला
बसपा के साथ गठबंधन के बाद इनेलो के महासचिव अभय चौटाला ने कहा,''यह गठबंधन किसान,कमेरे एवं पिछड़े वर्ग के हकों की रक्षा और उन्हें मजबूत करने के उद्देश्य से बसपा सुप्रीमो परम आदरणीय बहन कुमारी मायावती जी और इनेलो के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ओम प्रकाश जी चौटाला की स्वीकृति से हुआ है.'' उन्होंने कहा कि इस गठबंधन का उद्देश्य समाज के वंचित,पिछड़े वर्गों एवं किसानों के अधिकारों की सुरक्षा और उन्नति सुनिश्चित करना है.
वहीं बसपा प्रमुख मायावती कहा कि हरियाणा में होने वाला विधानसभा चुनाव उनकी पार्टी इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर लड़ेगी.उन्होंने एक्स पर लिखा,''हरियाणा में होने वाला विधानसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी और इंडियन नेशनल लोकदल मिलकर वहां की जनविरोधी पार्टियों को हराकर,अपने नए गठबंधन की सरकार बनाने के संकल्प के साथ लड़ेंगे. इसकी घोषणा मेरे आशीर्वाद के साथ आज चंडीगढ़ में संयुक्त प्रेसवार्ता में की गई.''
घोषणा से पहले दिल्ली में मिले दोनों दलों के नेता
उन्होंने कहा,''इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला बसपा के आनन्द कुमार, राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद और पार्टी के राज्य प्रभारी रणधीर बेनीवाल की आज हुई प्रेसवार्ता से पहले दोनों पार्टियों के बीच नई दिल्ली में मेरे निवास पर गठबंधन को लेकर सफल वार्ता हुई.'' मायावती ने लिखा, ''हरियाणा में सर्व समाज-हितैषी जन कल्याणकारी सरकार बनाने के संकल्प के चलते इस गठबंधन में एक-दूसरे को पूरा सम्मान देकर सीटों आदि के बंटवारे में पूरी एकता व सहमति बन गई है. मुझे उम्मीद है कि यह आपसी एकजुटता जन आशीर्वाद से विरोधियों को हरा कर नई सरकार बनाएगी.''
हरियाणा विधानसभा के चुनाव इस साल के अंत में होने हैं. हरियाणा के चुनाव झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ कराए जाएंगे.
तीसरी बार साथ आए हैं दोनों दल
बसपा और इनलो ने चुनाव के लिए तीसरी बार गठबंधन किया है. दोनों दल सबसे पहले 1996 के लोकसभा चुनाव के दौरान साथ आए थे. इस चुनाव में बसपा ने एक और इनेलो ने चार लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद साल 2018 का विधानसभा चुनाव इनेलो और बसपा ने मिलकर लड़ा था.अब एक बार फिर 2024 के विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों ने हाथ मिलाए हैं.
हाल में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव को दोनों दलों ने अलग-अलग लड़ा था. लेकिन किसी को भी कोई सफलता नहीं मिली थी. चुनाव आयोग के मुताबिक बसपा को 1.28 फीसदी और इनेलो को 1.74 फीसदी वोट मिले थे.
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