BRS नेता के कविता का दिल्ली शराब घोटाले में क्या कनेक्शन? कैसे आया उनका मामले में नाम

ईडी ने दावा किया था कि कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप’ से जुड़ी हुई थीं, जो 2021-22 के लिये दिल्ली आबकारी नीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रही थी.

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हैदराबाद में आज ईडी ने के कविता को गिरफ्तार कर लिया. (फाइल)
नई दिल्‍ली:

दिल्‍ली शराब नीति मामले (Delhi Liquor Policy case) में प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई की है. ईडी ने भारत राष्‍ट्र समिति की नेता के कविता (K Kavitha) को गिरफ्तार कर लिया है. दिल्‍ली शराब मामले में यह कोई पहली गिरफ्तारी नहीं है. इससे पहले आम आदमी पार्टी के मंत्री और नेताओं सहित कई बिजनेसमैन भी गिरफ्तार हो चुके हैं. हालांकि ऐसे में सवाल है कि के कविता का इस मामले से क्‍या कनेक्‍शन है और आखिर क्‍यों उन्‍हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. 

ईडी ने दावा किया था कि कविता शराब कारोबारियों की लॉबी ‘साउथ ग्रुप' से जुड़ी हुई थीं, जो 2021-22 के लिये दिल्ली आबकारी नीति में एक बड़ी भूमिका निभाने की कोशिश कर रही थी. यह नीति अब रद्द की जा चुकी है. ईडी के मुता‍बिक, मनीष सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के अन्‍य नेताओं के साथ ही इस मामले में साउथ ग्रुप के सारथ रेड्डी, एम श्रीनिवासुलु रेड्डी, राघव मगुंटा और के कविता शामिल थे, जिनका प्रतिनिधित्व अरुण पिल्लई, अभिषेक बोइनपल्ली और बुची बाबू ने किया था. 

2021-22 की यह शराब नीति थोक विक्रेताओं के लिए असाधारण रूप से 12 प्रतिशत लाभ मार्जिन और खुदरा विक्रेताओं के लिए लगभग 185 प्रतिशत लाभ मार्जिन के साथ लाई गई थी. ईडी के मुताबिक, 12 प्रतिशत मार्जिन में से 6 प्रतिशत थोक विक्रेताओं से AAP के नेताओं को रिश्वत के रूप में वापस वसूल किया जाना था. 

ईडी के मुताबिक साउथ ग्रुप ने AAP नेता विजय नायर को लगभग 100 करोड़ रुपये की रिश्वत एडवांस में दी थी. इस एडवांस घूस के बदले में विजय नायर ने साउथ ग्रुप को थोक कारोबार में हिस्सेदारी सुनिश्चित की क्योंकि दिल्ली शराब कारोबार में उनकी कोई पकड़ नहीं थी. उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि शराब पॉलिसी के अनुसार अनुमति से अधिक कई खुदरा लाइसेंस रखने की अनुमति दी गई और उन्हें अन्य अनुचित लाभ दिए गए. 

इसके साथ ही ईडी का दावा है कि साउथ ग्रुप के साथ हिस्सेदारी साझा करने वाली संस्थाओं में से एक समीर महेंद्रू की इंडो स्पिरिट्स है. समीर महेंद्रू ने साउथ ग्रुप के अरुण पिल्लई और प्रेम राहुल मंदुरी को दी गई 65 फीसदी साझेदारी के साथ इस फर्म का गठन किया. इस फर्म में के कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी और राघव मगुंटा पार्टनर थे. अरुण पिल्लई और प्रेम राहुल द्वारा किए गए नाममात्र के निवेश उनके वास्तविक निवेशकों से जुड़े हुए हैं. 

विजय नायर ने समीर महेंद्रू से इन लोगों को साझेदारी का हिस्सा देने के लिए कहा था और यह सुनिश्चित किया कि पेरनोड रिकार्ड का थोक व्यवसाय इंडो स्पिरिट्स को दिया जाए. 

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100 करोड़ रुपये का किया गया था भुगतान!

आरोप है कि विजय नायर मनीष सिसोदिया की ओर से काम कर रहे थे, इसका खुलासा अरुण पिल्लई ने अपने बयान में भी किया है. वो इंडोस्पिरिट्स में के कविता का प्रतिनिधि था. 2 फरवरी, 2023 को बुचीबाबू ने कहा कि इस सौदे में हवाला चैनलों के माध्यम से भुगतान की गई कुल राशि लगभग 100 करोड़ रुपये थी. 

के कविता घोटाले में सक्रिय भागीदार : ED

के कविता ने 2021 और 2022 में कम से कम दस फोन का इस्तेमाल किया. संदेह है कि यह डिजिटल सबूतों को नष्ट करने और जांच को पटरी से उतारने के लिए किया गया था. ईडी के मुताबिक वह घोटाले में सक्रिय भागीदार थी और उसने अपने सहयोगियों अरुण पिल्लई, बाबू और अन्य को रिश्वत देकर व्यापार करने के तरीके के बारे में बताया था. 

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समन नजरअंदाज करना भी पड़ा कविता को भारी 

इस मामले में के कविता की गिरफ्तारी की एक बड़ी वजह ईडी के समन को नजरअंदाज करना भी रहा है. के कविता से मामले में पहले पूछताछ की जा चुकी है, हालांकि उन्‍होंने जांच एजेंसियों के हालिया कुछ समन नजरअंदाज किए और पूछताछ के लिए पेश नहीं हुई. जिसके बाद हैदराबाद स्थित उनके घर पर छापेमारी की गई और फिर गिरफ्तार कर लिया गया. 

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