दिल्ली शराब नीति मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सात दिन के लिए ईडी (ED) के रिमांड पर भेजा है. वहीं सीबीआई की गिरफ्तार के खिलाफ सिसोदिया की जमानत याचिका पर अब 21 मार्च को सुनवाई होगी. इसको लेकर आम आदमी पार्टी लगातार केंद्र सरकार पर हमलावर है. आप इसे राजनीति से प्रेरित कार्रवाई बता रही है. मनीष सिसोदिया ने भी जेल से ही ट्वीट कर संदेश जारी किया है.
सिसोदिया ने कहा, "साहेब जेल में डालकर मुझे कष्ट पहुंचा सकते हो, मगर मेरे हौसले नहीं तोड़ सकते, कष्ट अंग्रेजों ने भी स्वतंत्रता सेनानियों को दिए, मगर उनके हौसले नहीं टूटे."
इससे पहले शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में दावा किया कि शराब नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी. इसके नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% लाभ पहुंचाया गया. मनीष सिसोदिया ने इससे जुड़े डिजिटल सबूत भी मिटा दिए.
ईडी ने अपनी दलील में बताया कि वैसे तो शराब नीति का यह फैसला ग्रुप ऑफ मिनिस्टर का बताया गया है, लेकिन हकीकत यह है कि एक आदमी के अलावा इसकी जानकारी किसी और को थी ही नहीं. ईडी ने कोर्ट को बताया कि पूरे सिंडिकेट को विजय नायर नेतृत्व कर रहा था. विजय नायर से ही के कविता ने मुलाकात की थी. एजेंसी ने कहा कि शराब नीति केस में 7 और लोगों को नोटिस भेजा है, ताकि उन्हें सिसोदिया के आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जा सके.
मनीष सिसोदिया के वकील दयान कृष्णन ने कोर्ट में कहा कि यह शराब नीति उपराज्यपाल के पास गई, एलजी यानी केंद्र सरकार. उन्होंने 3 बातें पूछी थीं, लेकिन इनमें से एक भी प्रॉफिट मार्जिन या एलिजिबिलिटी से जुड़ी हुई नहीं थी. ED जल्दबाजी के बारे में बात कर रही है. मैं जल्दबाजी के ऐसे बहुत सारे उदाहरण दे सकता हूं. नोटबंदी की गई और इसे सुप्रीम कोर्ट ने भी संवैधानिक करार दिया.
बता दें कि दिल्ली आबकारी नीति केस में सिसोदिया को 26 फरवरी को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था. 7 दिनों की पूछताछ के बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया. बाद में कोर्ट ने सिसोदिया को 20 मार्च तक तिहाड़ जेल में न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.
ये भी पढ़ें: अरविंद केजरीवाल ने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को "प्रह्लाद" बताते हुए कहा- "हिरण्यकश्यप ..."
ईडी को मिली मनीष सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड, सुनवाई के दौरान कोर्ट में रखी गईं ये दलीलें