बॉम्बे हाई कोर्ट (Bombay High Court) ने बॉलीवुड एक्टर कंगना रनौत (Kangana Ranaut) की अर्जी खारिज कर दी है. कंगना ने अपने खिलाफ अंधेरी कोर्ट में जारी मानहानि के मुक़दमे को खारिज करने की मांग की थी. मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने कंगना के खिलाफ मानहानि का मुकदमा किया है. गौरतलब है कि इससे पहले बॉम्बे हाईकोर्ट (Bombay High Court) ने जावेद अख्तर की शिकायत पर शहर की एक मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अदालत द्वारा शुरू की गयी अवमानना कार्यवाही खारिज करने के लिए कंगना की अर्जी पर 1 सितंबर को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था.
कंगना रनौत ने अपने वकील रिजवान सिद्दीकी के मार्फत मानहानि की कार्यवाही को चुनौती दी थी और कहा था कि उपनगर अंधेरी की मजिस्ट्रेट अदालत इस मामले में अपने विवेक का इस्तेमाल नहीं किया. रनौत ने अपनी अर्जी में कहा था कि निचली अदालत ने शिकायतकर्ता एवं उनके विरूद्ध दर्ज शिकायत में नामजद गवाहों का स्वतंत्र रूप से परीक्षण नहीं किया बल्कि उसने बस जुहू पुलिस के विवेक पर भरोसा कर लिया एवं उनके विरूद्ध मामला शुरू कर दिया.
सिद्दीकी ने न्यायमूर्ति रेवती मोहिते-डेरे की एकल पीठ से कहा था कि अख्तर की शिकायत की पुलिस जांच ‘एकतरफा' है. उन्होंने अपनी मुवक्किल की ओर से कहा, ‘मेरे गवाहों का कभी परीक्षण ही नहीं किया गया. मजिस्ट्रेट को यह सुनिश्चित करना चाहिए था कि किसी भी पक्ष का उत्पीड़न नहीं हो. '' हालांकि अख्तर के वकील जय भारद्वाज ने पीठ से कहा कि मजिस्ट्रेट ने अख्तर की शिकायत और साक्षात्कार के अंश पर गौर करने के बाद पुलिस जांच का आदेश दिया , साक्षात्कार के दौरान रनौत ने कथित मानहानिकारक बयान दिया था.
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