बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता को सुप्रीम कोर्ट में किया गया पदोन्नत, सोमवार को लेंगे शपथ

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को रविवार को पदोन्नत करसुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया. न्यायमूर्ति दत्ता के पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर 28 हो जाएगी.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
नई दिल्ली:

बॉम्बे हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता को रविवार को पदोन्नत कर सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया. न्यायमूर्ति दत्ता के पद और गोपनीयता की शपथ लेने के बाद शीर्ष अदालत में न्यायाधीशों की संख्या बढ़ कर 28 हो जाएगी. सोमवार सवेरे साढ़े दस बजे जस्टिस दीपांकर दत्त सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में शपथ लेंगे.  वो चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा के साथ पीठ में बैठेंगे. सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के मुताबिक कार्यकाल के पहले और आखिरी दिन जज चीफ जस्टिस की पीठ में साथ बैठते हैं।चीफ जस्टिस के कार्यकाल के आखिरी दिन वरिष्ठता क्रम में नंबर दो जज एक नंबर कोर्ट में चीफ जस्टिस की पीठ के अंग होते हैं.

गौरतलब है कि जस्टिस दीपांकर दत्त के नाम की सिफारिश चीफ जस्टिस उदय उमेश ललित की अगुआई  वाले कोलेजियम ने 26 सितंबर को हुई बैठक में की थी. जस्टिस ललित की अगुआई में कॉलेजियम ने सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ एक ही जज की नियुक्ति की सिफारिश की.फिर लगभग ढाई महीनों बाद सरकार ने इस पर अपनी सहमति की मुहर लगाकर  राष्ट्रपति के पास निर्णायक मंजूरी के लिए भेज दिया था.  राष्ट्रपति ने शुक्रवार को अपनी मंजूरी देते हुए नियुक्ति का वारंट जारी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल 34 जजों की कुल तय संख्या के मुकाबले 27 जज ही अभी काम कर रहे हैं.

अगले आठ महीनों में छह जज रिरायर होने वाले हैं. जस्टिस दीपांकर दत्त का परिवार भी न्यायिक पेशे से है. उनके पिता भी कलकत्ता हाईकोर्ट में जज रहे हैं और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज जस्टिस अमिताभ रॉय भी उनके निकट संबंधी हैं. जस्टिस दीपांकर दत्त के शपथ ग्रहण के साथ ही सुप्रीम कोर्ट में जजों की संख्या 28 हो जाएगी. भारत के प्रधान न्यायाधीश समेत उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के कुल स्वीकृत पदों की संख्या 34 है. कानून मंत्री किरेन रीजीजू ने ट्विटर पर न्यायमूर्ति दत्ता को शीर्ष अदालत में पदोन्नत करने की घोषणा की.दत्ता का जन्म 9 फरवरी 1965 को हुआ था. वह इस साल 57 साल के हो गए और उच्च्तम न्यायालय में उनका कार्यकाल आठ फरवरी 2030 तक होगा. देश की शीर्ष अदालत में सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष है. न्यायमूर्ति दत्ता के नाम की सिफारिश पिछले साल सितंबर में तत्कालीन प्रधान न्यायाधीश न्यायमूर्ति यू यू ललित (अब सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने की थी.

Advertisement

ये भी पढ़ें-

Featured Video Of The Day
Top Headlines: Vijay Shah | Colonel Sophia Qureshi | India Pak Tension | Balochistan Liberation Army
Topics mentioned in this article