भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के नए संसद भवन (New Parliament Building) के उद्घाटन पर आपत्ति जताने पर प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी ने राहुल गांधी को 'Crybaby'(रोने वाला बच्चा) कहकर उन पर तंज कसे. NDTV से बात करते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि जब भी देश में कोई ऐतिहासिक क्षण आता है, राहुल गांधी अपनी छाती पीटना शुरू कर देते हैं. नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को होगा.
राहुल गांधी ने रविवार को कहा कि राष्ट्रपति को नए संसद भवन का उद्घाटन करना चाहिए, न कि प्रधानमंत्री को. उनके इसी बयान को लेकर बीजेपी राहुल गांधी और कांग्रेस पर हमलावर है. इस बयान पर आपत्ति जाहिर करते हुए गौरव भाटिया ने कहा, "ऐसा क्यों होता है? जब देश तरक्की कर रहा होता है, तो वह शुभ मुहूर्त में अपशकुन बनकर सामने आ जाते हैं. नया संसद भवन लोकतंत्र का मंदिर बन जाएगा, लेकिन उनकी सोच इतनी छोटी है कि वह ऐसे ऐतिहासिक क्षण का स्वागत नहीं कर सकते."
मल्लिकार्जुन खरगे ने भी उठाए सवाल
राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पर निशाना साधा है. सरकार पर कटाक्ष करते हुए खरगे ने कहा, 'भारत की संसद भारत गणराज्य की सर्वोच्च विधायी संस्था है. भारत का राष्ट्रपति इसका सर्वोच्च संवैधानिक अधिकार है. राष्ट्रपति की ओर से नए संसद भवन का उद्घाटन लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मर्यादा के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक होगा. मोदी सरकार ने बार-बार मर्यादा का अनादर किया है. भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय बीजेपी-आरएसएस सरकार के तहत प्रतीकवाद में सिमट गया है."
खरगे ने एक ट्वीट सीरीज में लिखा, "ऐसा लगता है कि मोदी सरकार ने केवल चुनावी कारणों से दलित और आदिवासी समुदायों से भारत के राष्ट्रपति का चुनाव सुनिश्चित किया है." इसी बयान को लेकर गौरव भाटिया ने कहा कि कांग्रेस नेता और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार ने कहा था कि हमें नए संसद भवन की जरूरत है. कांग्रेस को बेकार कहते हुए भाटिया ने कहा कि उन्हें तब भी समस्या है, जब पीएम मोदी अपने सपनों को साकार कर रहे हैं.
पीएम मोदी देश के सपनों को कर रहे हैं साकार
गौरव भाटिया आगे कहते हैं, "वरिष्ठ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने भी यह कहा था. वे इसके बारे में सपने देख रहे थे, फिर वे भ्रष्टाचार में लिप्त हो गए. कांग्रेस बेकार हो गई है. जब पीएम मोदी उनके सपनों को साकार करते हैं, क्योंकि यह देश के हित में है; फिर भी ये लोग छाती पीटने लगते हैं.''
28 मई को होगा उद्घाटन
नए संसद भवन का उद्घाटन 28 मई को हिंदुत्व विचारक वीडी सावरकर की जयंती के मौके पर होगा. कई विपक्षी दलों ने इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा है. कांग्रेस ने इसे देश के संस्थापकों का "पूर्ण अपमान" बताया है. इसका विरोध करते हुए गौरव भाटिया ने कहा कि उद्घाटन की तारीख पर सवाल उठाने वाले "अप्रासंगिक" हैं. उन्होंने कहा, "वीर सावरकर हर भारतीय का गौरव हैं. जो लोग तारीख पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें बताएं कि वे महत्वहीन हैं. ऐसे लोग वीर सावरकर के पैरों की धूल के लायक भी नहीं हैं."
विपक्ष के कई नेताओं ने भी साधा निशाना
कई विपक्षी नेताओं ने सवाल किया है कि राष्ट्रपति के बजाय पीएम मोदी संसद भवन का उद्घाटन क्यों कर रहे हैं. आरजेडी नेता मनोज कुमार झा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी नेता डी राजा और एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र पर तीखी टिप्पणी की.
डी राजा ने कहा, "जब मोदी जी की बात आती है तो खुद की छवि और कैमरों का जुनून शालीनता और मानदंडों को खत्म कर देता है." वहीं, ओवैसी ने कहा, "पीएम कार्यपालिका के प्रमुख हैं, विधायिका के नहीं. हमारे पास शक्तियों का बंटवारा है. लोकसभा अध्यक्ष और राज्यसभा के अध्यक्ष नए संसद भवन का उद्घाटन कर सकते थे. यह जनता के पैसे से बनाया गया है."
लोकसभा में एक साथ बैठ सकते हैं 1280 सदस्य
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, नए संसद भवन के अंदर लोकसभा में 888 सदस्य और राज्यसभा में 300 सदस्य आराम से बैठ सकते हैं. दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की स्थिति में लोकसभा में कुल 1280 सदस्यों को समायोजित किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने 10 दिसंबर, 2020 को नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी.
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