तीन कृषि कानूनों की महत्ता नहीं समझा पाना हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी: उमा भारती

उन्होंने कहा ‘‘ कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके, इसी कारण से उस दिन मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी.’’

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
उन्होंने कहा कि आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए
भोपाल:

भाजपा नेता एवं मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती (Uma Bharti) ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) ने विवादास्पद तीनों कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा करते समय जो कहा वह उनके जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया. उन्होंने कहा कि अगर तीन कृषि कानूनों की महत्ता प्रधानमंत्री मोदी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी है. आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए. उमा भारती ने एक के बाद एक ट्वीट कर लिखा, ‘‘मैं पिछले चार दिनों से वाराणसी में गंगा किनारे हूँ. 19 नवम्बर 2021 को हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने जब तीनों कृषि क़ानूनों की वापसी की घोषणा की तो मैं अवाक रह गई. इसलिए तीन दिन बाद प्रतिक्रिया दे रही हूँ.''

कषि कानूनों को वापस लेने की तैयारी शुरू, मुख्यमंत्री खट्टर बोले- किसानों से पूछा जाना चाहिए सवाल

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने कानूनों के वापसी करते समय जो कहा वह मेरे जैसे लोगों को बहुत व्यथित कर गया. अगर कृषि क़ानूनों की महत्ता मोदी जी किसानों को नहीं समझा पाए तो उसमें हम सब भाजपा के कार्यकर्ताओं की कमी हैं. हम क्यों नहीं किसानों से ठीक से सम्पर्क एवं संवाद कर सके.''

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी बहुत गहरी सोच एवं समस्या के जड़ को समझने वाले प्रधानमंत्री हैं . जो समस्या की जड़ समझता ह. वह समाधान भी पूर्णतः करता है. भारत की जनता एवं मोदी जी का आपस का समन्वय, विश्व के राजनीतिक, लोकतांत्रिक इतिहास में अभूतपूर्व है.''

Advertisement

उन्होंने कहा ‘‘ कृषि कानूनों के सम्बन्ध में विपक्ष के निरन्तर दुष्प्रचार का सामना हम नहीं कर सके, इसी कारण से उस दिन मोदी के सम्बोधन से मैं बहुत व्यथित हो रही थी.''

Advertisement

एक बिल के जरिये रद्द होंगे तीनों कृषि कानून, MSP पर गारंटी के विकल्पों पर भी विचार

उमा ने कहा, ‘‘मेरे नेता मोदी जी ने तो कानूनों को वापस लेते हुए भी अपनी महानता स्थापित की. हमारे देश का ऐसा अनोखा नेता युग-युग जिये, सफल रहे. यही मैं बाबा विश्वनाथ एवं माँ गंगा से प्रार्थना करती हूँ.''

Advertisement

उन्होंने लिखा, ‘‘आज तक किसी भी सरकारी प्रयास से भारत के किसान संतुष्ट नहीं हुए. मैं स्वयं एक किसान परिवार से हूँ. मेरे दो सगे बड़े भाई आज भी खेती पर आश्रित हैं. मेरा उनसे निरंतर संवाद होता है. मेरी जन्मभूमि के गाँव से मेरा जीवंत सम्पर्क है.''

Advertisement

उमा ने कहा, ‘‘मेरे बड़े भाई अमृतसिंह लोधी मुझसे हमेशा कहते हैं कि खेत एक अचल सम्पत्ति एवं खेती एक अखण्ड समृद्धि की धारा हैं किन्तु किसान कभी रईस नहीं हो पाता है. मेरे भाई अमृतसिंह लोधी की ज़िंदगी को मैं अपने जन्म से देख रही हूँ. मुझे जो समझ में आया वह यह है कि खाद, बीज और बिजली समय पर मिले तथा अनाज को अपनी मर्जी के मुताबिक बेचने का अधिकार यह खुशहाली का सूत्र हो सकता है.''

कृषि कानूनों की वापसी ही काफी नहीं, सभी मांगें पूरी होने तक किसान जारी रखेंगे आंदोलन

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Birsa Munda Jayanti: PM Modi ने भगवान बिरसा मुंडा को दी श्रद्धांजलि | Tribals
Topics mentioned in this article