बिलकिस बानो केस (Bilkis Bano rape case) में दोषियों की रिहाई मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में मंगलवार को होने वाली सुनवाई टल गई है. एक दोषी के गायब होने से सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई टल गई. कोर्ट ने दोषी के लिए दो गुजराती अखबारों में पब्लिक नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं. नोटिस में कहा जाएगा कि अगर दोषी अदालती कार्रवाई में शामिल नहीं होगा, तो एक पक्षीय कार्रवाई होगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी.
बिलकिस बानो के एक दोषी प्रदीप आर मोड्या को कोर्ट का नोटिस सर्व नहीं हुआ था. बताया जा रहा है कि वह घर पर नहीं है और उसका फोन भी बंद आ रहा है. इसी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने अखबार में सार्वजनिक सूचना प्रकाशित करने का निर्देश दिया है. बिलकिस के गुनहगारों की समयपूर्व रिहाई को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने गुनहगारों को 27 मार्च को नोटिस जारी किया था. 11 में से एक दोषी को अब तक नोटिस ही सर्व नहीं हुआ है. इस दौरान जस्टिस के एम जोसेफ ने कहा कि एक व्यक्ति पूरी अदालती कार्रवाई को रोके हुए है.
कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार को लगाई थी फटकार
बता दें पिछली सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और गुजरात सरकार को फटकार लगाई थी. जस्टिस केएम जोसेफ ने कहा कि आप चाहते ही नहीं है कि बेंच इस मामले पर सुनवाई करे. जस्टिस जोसेफ ने कहा कि 16 जून को मैं रिटायर हो जाऊंगा. उस दौरान मैं छुट्टी पर रहूंगा, इसलिए मेरा लास्ट वर्किंग-डे 19 मई है. हमने यह साफ कर दिया था कि मामले को निपटारे के लिए सुना जाएगा. आप केस जीत सकते हैं या हार हार सकते हैं, लेकिन कोर्ट के प्रति अपने कर्तव्य को मत भूलना. इसके बाद केंद्र-गुजरात सरकार ने 11 दोषियों की रिहाई से जुड़ी फाइलें कोर्ट में पेश करने पर सहमति जताई.
सरकार का आरोप- बिलकिस ने कोर्ट में झूठ बोला
वहीं, केंद्र और गुजरात सरकार की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील ने बिलकिस बानो की याचिका को फर्जी बताते हुए कहा कि उन्होंने अपने हलफनामे में झूठ बोला है. सरकार के वकील ने कहा कि रिहा हुए 11 दोषियों में से कुछ को बिलकिस की ओर से नोटिस नहीं दिया गया. इसके बाद भी बिलकिस ने कोर्ट में दाखिल हलफनामे में बताया कि सभी दोषियों को नोटिस दे दिया गया है. इसके लिए बिलकिस बानो के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बानो की ओर से कोर्ट में पेश एडवोकेट शोभा गुप्ता ने इसका जवाब दिया. मैंने सभी दोषियों को मेल पर नोटिस भेज दिया था.
बिलकिस ने अपनी याचिका में गुजरात सरकार पर अपने मामले के दोषियों को समय से पहले रिहा करने का आरोप लगाया है. उन्होंने 11 दोषियों को रिहा किए जाने के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
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