"यह अमानवीय हिंसा-क्रूरता के भीषण अपराधों में से एक" : गैंगरेप, हत्‍या के दोषियों की रिहाई को बिलकिस बानो ने दी चुनौती

याचिका में कहा गया है, "बिलकिस सहित पूरे देश और दुनिया को रिहाई की चौंकाने वाली खबर के बारे में तब पता चला जब वो रिहा हो गए.

विज्ञापन
Read Time: 10 mins
गैंगरेप, हत्‍या के दोषियों की रिहाई को बिलकिस बानो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है
नई दिल्‍ली:

Bilkis Bano Case: बिलकिस बानो ने 2002 के गुजरात दंगों में सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के दोषी 11 लोगों की रिहाई को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है. बिलकिस ने अपनी जनहित याचिका में कहा है, "दोषियों की समय से पहले रिहाई न केवल बिलकिस, उसकी बड़ी हो चुकी बेटियों, उसके परिवार के लिए, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पूरे समाज के लिए एक झटका है. याचिका में कहा गया है, "बिलकिस सहित पूरे देश और पूरी दुनिया को रिहाई की चौंकाने वाली खबर के बारे में तब पता चला जब वो रिहा हो गए.  उन्हें पूरे सार्वजनिक चकाचौंध में माला पहनाई गई और सम्मानित किया गया और मिठाइयां बांटी गईं. ये घटना इंसानों के एक समूह द्वारा इंसानों के एक अन्य समूह, जिसमें असहाय और निर्दोष लोग हैं, पर अत्यधिक अमानवीय हिंसा और क्रूरता के सबसे भीषण अपराधों में से एक है. इनमें से अधिकांश या तो महिलाएं थीं या नाबालिग. एक विशेष समुदाय के प्रति नफरत से प्रेरित होकर उनका कई दिनों तक पीछा किया गया

याचिका में यह भी कहा गया है कि गुजरात सरकार का  समय से पहले रिहाई का आदेश एक यांत्रिक आदेश है.अपराध की शिकार होने के बावजूद  रिहाई की ऐसी किसी प्रक्रिया के बारे में उसे कोई खबर नहीं दी गई इस रिहाई से वो बेहद आहत, परेशान और निराश है. उसने सभी दोषियों की समय से पहले रिहाई से संबंधित कागजात/पूरी फाइल का अनुरोध करने के लिए राज्य सरकार से संपर्क किया था, लेकिन रिमाइंडर के बावजूद राज्य सरकार की ओर से कोई जवाब या कागजात नहीं आया.

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पहले ही घोषित किया है कि सामूहिक छूट स्वीकार्य नहीं है और प्रत्येक दोषी के मामले की उनके विशिष्ट तथ्यों और अपराध में उनके द्वारा निभाई गई भूमिका के आधार पर व्यक्तिगत रूप से जांच जरूरी है. 

Advertisement

ये भी पढ़ें- 

Featured Video Of The Day
PM Modi Guyana Visit: PM Modi ने गयाना की संसद में बताया भारत कैसे बना 'विश्वबंधु' | NDTV India
Topics mentioned in this article