बिहार में जातिगत जनगणना (Caste Based Census) कराने को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक एक जून को आयोजित की जाएगी. इसकी पुष्टि संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी (Vijay Kumar Choudhary) ने सभी दलों के सहमति के बाद की है. इस बैठक का आयोजन मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में किया जाएगा. चौधरी के अनुसार इस बैठक के बाद कैबिनेट में इस सम्बंध में प्रस्ताव लाया जाएगा.
सूत्रों के हवाले से खबर है कि बिहार में जातीय जनगणना का बीजेपी समर्थन करेगी. बीजेपी और जेडीयू के बीच इस मुद्दे पर बात हो चुकी है. बीजेपी ने समर्थन देने का वादा किया है. जातीय जनगणना पर बीजेपी से समर्थन के वादे के बाद ही नीतीश कुमार ने एक जून को सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
पहले यह बैठक 27 मई को रखने का प्रस्ताव था. बीजेपी विधानसभा में इस बारे में लाए गए प्रस्तावों का समर्थन कर चुकी है. इस मुद्दे पर पीएम से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का भी बीजेपी हिस्सा रही है. तेलंगाना और कर्नाटक में बीजेपी ने जातीय जनगणना का समर्थन किया था.
बता दें कि पिछले साल भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) से सर्वदलीय शिष्टमंडल की मुलाकात से पहले एक सर्वदलीय बैठक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा आयोजित की गई थी.
नीतीश कुमार ने दे दिए थे संकेत
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि वे अब जातिगत जनगणना कराने को लेकर होने वाली सर्वदलीय बैठक कराने में देर नहीं करेंगे. सीएम नीतीश ने कहा था, "जातिगत जनगणना को लेकर सभी के विचार जानने के मकसद से हम एक सर्वदलीय बैठक बुलाएंगे. इसके बाद वह प्रस्ताव राज्य कैबिनेट के सामने पेश किया जाएगा. हमने यह बैठक 27 मई को आयोजित करने को लेकर कुछ पार्टियों से बात की है, लेकिन फिलहाल कुछ पार्टियों के जवाब का इंतज़ार है. अंतिम निर्णय हो जाने के बाद प्रस्ताव कैबिनेट के पास जाएगा, और फिर हम काम शुरू कर देंगे."
मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे थे कि बैठक 27 मई को हो सकती है. लेकिन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने स्पष्ट कर दिया है कि बैठक एक जून को होगी, जिसमें सभी पार्टियों के नेता रहेंगे.
जनगणना कराने को लेकर विपक्ष हमलावर
ध्यान देने वाली बात है कि राज्य में जातिगत जनगणना कराने की मांग लंबे समय से उठ रही है. मुख्यमंत्री खुद भी अपने खर्चे से राज्य में कास्ट बेस्ड सेंसस कराने की घोषणा कर चुके हैं. हालांकि, इस ओर कोई सक्रीय पहल नहीं की गई है, जिस वजह से विपक्ष हमालावर है. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिना देर किए राज्य में जातिगत जनगणना कराने की मांग की है. वो और उनकी पार्टी इस संबंध में कोई दलील सुनने को तैयार नहीं है.
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