पंचायत चुनाव में आरक्षण का मामला : यूपी सरकार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत 

UP Panchayat Election 2021: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिनों पहले पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए.

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UP Panchayat Election 2021: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव मामले में दखल देने से मना कर दिया है.
नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव (UP Panchayat Chunav)  मामले में दखल देने से मना कर दिया है. कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करने से मना कर दिया है और याचिककर्ता को इलाहाबाद हाई कोर्ट (Allahabad High Court) जाने के लिए कहा है. इससे यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है. दरअसल, उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पिछले शनिवार को एक याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनोती दी गई है.

याचिकाकर्ता ने अपनी अर्जी में सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि हाई कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान उसका पक्ष नहीं सुना गया. इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट अर्जी भी दाखिल की थी. यूपी सरकार ने कहा था कि जब पंचायत चुनाव को लेकर दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करे, तब सरकार का भी पक्ष सुना जाय. 

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बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने कुछ दिनों पहले पुरानी आरक्षण सूची पर रोक लगाते हुए 2015 के आधार पर चुनाव कराने को लेकर फैसला सुनाया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि साल 2015 को आधार मानते हुए पंचायत चुनावों में सीटों पर आरक्षण लागू किया जाए. इसके पूर्व राज्य सरकार ने कहा था कि वह साल 2015 को आधार मानकर आरक्षण व्यवस्था लागू करने के लिए तैयार है. राज्य में इस साल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव होने हैं.

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