भोपाल से भारतीय जनता पार्टी की सांसद प्रज्ञा ठाकुर (Pragya Thakur) विवादों के लिए 'मशहूर' हो चुकी हैं. विवादित बयानबाजी से वे कई बार अपनी पार्टी बीजेपी के लिए भी असहज स्थिति उत्पन्न कर चुकी हैं. प्रज्ञा ने एक बार फिर मुंबई आतंकी हमले (Mumbai terror attack) में 'शहीद' पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे (Hemant Karkare) को लेकर विवादित बयान दिया है. प्रज्ञा ने कुछ साल पहले कहा था कि उनके श्राप के कारण ही महाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अफसर करकरे की मौत हुई. इस बयान के कारण उन्हें और उनकी पार्टी को तीखी आलोचना का शिकार होना पड़ा था. बहरहाल, प्रज्ञा के रुख में अभी भी कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने फिर कहा कि वे हेमंत करकरे को देशभक्त नहीं मानतीं.
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मालेगांव विस्फोट मामले की आरोपी प्रज्ञा ने कहा, 'हेमंत करकरे कुछ लोगों के लिए देशभक्त हो सकते हैं लेकिन असली देशभक्त अलग सोचते हैं. उसने (करकरे) मेरे बारे में जानकारी हासिल करने के लिए मेरे आचार्य-शिक्षक (स्कूल टीचर) की अंगुलियों और पसलियों को तोड़ा. मुझे झूठे केस में फंसा गया.' वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के दिग्विजय सिंह को हराने वाली प्रज्ञा ने यह भी कहा, 'भारत में आपातकाल पहली बार 1975 में लागू किया गया था. 2008 के मालेगांव केस में जब मुझे गिरफ्तार किया गया तब ऐसी ही स्थिति थी.' गौरतलब है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को भी प्रज्ञा देशभक्त करार दे चुकी हैं. उनके इस बयान की पीएम मोदी ने भी आलोचना की थी और कहा था कि वे मन से प्रज्ञा को कभी माफ नहीं कर पाएंगे.