चंद्रशेखर ने बहुजनों के लिए निजी क्षेत्र में मांगा आरक्षण, इसलिए की 'चमार रेजिमेंट' की चर्चा

चंद्रशेखर आजाद ने चीन की ओर से पेश का जा रही चुनौतियों को देखते हुए अग्निवीर भर्ती योजना को बंद कर सेनाओं में नियमित भर्तियां शुरू करने की मांग की. उन्होंने देश की सबसे बहादुर और प्राचीन रेजिमेंटों में से एक चमार रेजिमेंट को बहाल करने की मांग की.

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नई दिल्ली:

भीम आर्मी के संस्थापक और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद ने मंगलवार को लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जारी चर्चा में हिस्सा लिया.उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत बहुजन समाज के संतों को नमन करते हुए की. चंद्रशेखर ने इस दौरान सदन में निजी क्षेत्र में आरक्षण और सेना में चमार रेजीमेंट को बहाल करने की मांग उठाई.चंद्रशेखर आजाद उत्तर प्रदेश की नगीना लोकसभा सीट से सांसद चुने गए हैं.

संसद में चंद्रशेखर आजाद ने क्या कहा है

उत्तर प्रदेश के इस उभरते हुए दलित नेता ने चीन की ओर से पेश का जा रही चुनौतियों को देखते हुए अग्निवीर भर्ती योजना को बंद करने और सेनाओं में नियमित भर्तियां शुरू करने की मांग की.इसी क्रम में उन्होंने देश की सबसे बहादुर और प्राचीन रेजिमेंटों में से एक चमार रेजिमेंट को बहाल करने की मांग की.

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चंद्रशेखर आजाद ने अपने भाषण में कहा कि आजादी के बाद देश की धन, धरती और राजपाट में ठीक से बंटवारा नहीं हुआ. उन्होंने कहा इस बंटवारे की वजह से देश की एक बहुत बड़ी आबादी सुविधाओं से वंचित रह गई. इस वजह से आजादी के 75 साल बाद भी हम जहां खड़े हैं, वह चिंता का विषय है.उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय तभी होगा जब जातिय जनगणना कराई जाएगी.चंद्रशेखर ने जातिय जनगणना कराने के साथ-साथ वंचित वर्गों के लिए आबादी के आधार पर आरक्षण की मांग की.उन्होंने शैक्षणिक संस्थाओं में बहुजनों छात्रों के साथ जाति के आधार पर होने वाले भेदभाव का मुद्दा उठाया. 

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निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण की मांग

चंद्रशेखर ने कहा कि राष्ट्रपति के अभिभाषण में निजी क्षेत्र में आरक्षण की बात का थोड़ा सा भी जिक्र नहीं है. जबकि सच्चाई यह है कि देश की 98 फीसदी नौकरियां निजी क्षेत्रों में ही हैं, वहीं सरकारी क्षेत्र में केवल दो फीसदी नौकरियां ही हैं. उन्होंने कहा कि इसे देखते हुए यह जरूरी है कि 98 फीसदी में भी हमारी हिस्सेदारी की बात होनी चाहिए.इस दौरान उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र नगीना के पिछड़ेपन की बात उठाते हुए शैक्षणिक संस्थान, मेडिकल संस्थान खोलने और रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की मांग की. इसके साथ ही उन्होंने अपने चुनाव क्षेत्र की बाढ़ की समस्या से निजात दिलाने की भी मांग की.

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