भारतपे (BharatPay) ने मंगलवार को कहा कि उसने कई कर्मचारियों और विक्रेताओं (Vendor) को बर्खास्त कर दिया है तथा उनके खिलाफ आपराधिक मामले भी दर्ज किए हैं. इसके साथ ही भुगतान स्टार्टअप ने अपने संस्थापक अशनीर ग्रोवर (Ashneer Grover) से कंपनी के प्रतिबंधित शेयरों को वापस लेने की कार्रवाई भी शुरू की है. ये ऐसे शेयर होते हैं जिनका स्वामित्व कुछ शर्तों को पूरा किए बिना स्थानांतरित नहीं किया जा सकता. कंपनी के निदेशक मंडल ने प्रबंध निदेशक के रूप में ग्रोवर के कार्यकाल के दौरान कथित चूक और कदाचार के खिलाफ एक विस्तृत जांच के बाद ये कदम उठाए हैं.
भारतपे ने ग्रोवर का नाम लिए बिना कहा कि पूर्व संस्थापक से प्रतिबंधित शेयरों को वापस लेने के लिए जरूरी कार्रवाई शुरू की गई है. कंपनी ने एक बयान में कहा कि वह कानून के तहत अपने अधिकार को पाने के लिए सभी कदम उठाएगी. भारतपे के बोर्ड ने जनवरी, 2022 में कंपनी के कामकाज के संचालन की समीक्षा शुरू की थी. कंपनी ने एक वैश्विक पेशेवर सेवा फर्म अल्वारेज एंड मार्सल (एएंडएम), भारत की प्रमुख विधि फर्म शार्दुल अमरचंद मंगलदास एंड कंपनी (एसएएम) और पीडब्ल्यूसी को इस काम में मदद के लिए नियुक्त किया था.
बयान में कहा गया, ‘‘पिछले दो महीनों में उपरोक्त रिपोर्ट की विस्तृत समीक्षा के बाद भारतपे के बोर्ड ने कई निर्णायक उपायों की सिफारिश की है, जिन्हें लागू किया जा रहा है.'' इनमें वरिष्ठ प्रबंधन और कर्मचारियों के लिए एक नई आचार-संहिता, एक नई और व्यापक विक्रेता खरीद नीति, कदाचार में शामिल विक्रेताओं को रोकना और नियमित आंतरिक ऑडिट शामिल है.
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