भारतीय फिनटेक कंपनी भारतपे (BharatPe) के को-फाउंडर और पूर्व सीईओ अश्नीर ग्रोवर (Ashneer Grover) की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. अश्नीर ग्रोवर और उनकी पत्नी माधुरी जैन (Madhuri Jain Grover) पर लगे धोखाधड़ी के आरोप में दिल्ली पुलिस की इकोनॉमिक ऑफेंस विंग (EOW) की जांच कर रही है. इस जांच के आधार पर दिल्ली पुलिस की तरफ से नए खुलासे किये गए हैं. जांच में पाया गया कि अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार के सदस्यों से जुड़ी कंपनियों ने फिनटेक यूनिकॉर्न के लिए किए गए काम का पैसा निकालने के लिए पिछली तारीख के चालान (इनवॉयस) का इस्तेमाल किया. ये इनवॉयस कई करोड़ रुपये के थे. हालांकि, इकोनॉमिक ऑफेंस विंग को कई फर्म के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल सकी है, जिनको भारतपे की तरफ से पेमेंट किया गया था.
दिल्ली हाईकोर्ट में EOW की ओर से दाखिल एक स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपियों ने रिक्रूटमेंट वर्क के एवज में कमीशन के पेमेंट के लिए भारतपे के अकाउंट से रकम ट्रांसफर करने के लिए कथित तौर पर पिछली तारीख के चालान का इस्तेमाल किया.
EOW के मुताबिक, अब तक 81 करोड़ रुपये से ज्यादा के लेनदेन की जानकारी मिली है. जांच अभी जारी है. EOW के स्टेटस रिपोर्ट में कहा गया है, "जांच के दौरान, अकाउंट नंबर (संशोधित) (कथित माधुरी जैन/ग्रोवर से संबंधित) की जांच से पता चला कि उसे लगभग 5 करोड़ रुपये, पिता सुरेश जैन को 3 करोड़ रुपये और मां संतोष जैन-भाई श्वेतांक जैन को क्रमशः 2 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे.
EOW ने बताया कि भारतपे की पूर्व हेड ऑफ कंट्रोल माधुरी जैन को फोरेंसिक ऑडिट में कई अनियमितताओं का खुलासा होने के बाद 2022 में निकाल दिया गया था. इसके बाद मार्च 2022 में अश्नीर ग्रोवर ने सीईओ पद से इस्तीफा दे दिया.
EOW ने इस साल की शुरुआत में इस मामले में आईपीसी की 8 धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की थी. इसमें आपराधिक विश्वासघात, धोखाधड़ी और बेईमानी और जालसाजी की धाराएं शामिल हैं.
भारतपे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि अश्नीर ग्रोवर और उनके परिवार ने अन्य आरोपों के अलावा कथित रूप से फर्जी ह्यूमन रिसोर्स कंसल्टेंट को अवैध पेमेंट के जरिए करीब 81.3 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया.
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