भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Droupadi Murmu) ने शनिवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव (PV Narasimha Rao), पूर्व पीएम चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) तथा बिहार के दो बार मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर (Karpoori Thakur) को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) मरणोपरांत प्रदान किया. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर जाएंगी.
पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के लिए मुर्मू से यह सम्मान उनके पुत्र पीवी प्रभाकर राव ने स्वीकार किया. चौधरी चरण सिंह के लिए उनके पोते और राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने राष्ट्रपति से यह सम्मान स्वीकार किया. स्वामीनाथन की ओर से उनकी बेटी नित्या राव और कर्पूरी ठाकुर की ओर से उनके बेटे रामनाथ ठाकुर ने राष्ट्रपति मुर्मू से यह पुरस्कार लिया. इस समारोह में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
केंद्र सरकार ने इस साल भारत रत्न के लिए पांच नामों की घोषणा की, जिसमें बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी भी शामिल थे. सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रपति मुर्मू भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के आवास पर जाएंगी और उन्हें प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करेंगे. उन्होंने बताया कि वरिष्ठ भाजपा नेता आडवाणी के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है. लालकृष्ण आडवाणी का जन्म 8 नवंबर, 1927 को कराची में हुआ था. वर्ष 1980 में भारतीय जनता पार्टी की स्थापना के बाद से उन्होंने लंबे समय तक बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में कार्य किया. उनका संसदीय करियर करीब 3 दशकों का रहा है जिसमें पहले वे गृह मंत्री और बाद में अटल बिहारी वाजपेयी के मंत्रिमंडल में उप प्रधानमंत्री रहे थे.
चौधरी चरण सिंह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. चौधरी चरण सिंह में देशभक्ति की भावना प्रबल थी. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन्हें कई बार जेल जाना पड़ा था. जमींदारी उन्मूलन और भूमि सुधार में उनके योगदान को तथा अर्थव्यवस्था, विशेषकर ग्रामीण और कृषि अर्थव्यवस्था की उनकी गहरी समझ को, सम्मानपूर्वक याद किया जाता है. किसानों से उनका जुड़ाव अद्भुत था. स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की ओर से भारत रत्न उनके पौत्र श्री जयंत चौधरी ने प्राप्त किया.
पीवी नरसिंह राव
भारत के नौवें प्रधान मंत्री के रूप में पीवी नरसिंह राव ने दूरगामी आर्थिक सुधार किए थे. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने पीवी नरसिंह राव को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. अपनी युवावस्था में, उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में, विशेषकर निज़ामशाही के दौरान हैदराबाद में कुशासन और उत्पीड़न के विरुद्ध, संघर्ष किया था. अनेक भाषाओं और साहित्यों पर उनका अधिकार सर्वविदित था. स्वर्गीय पीवी नरसिंह राव की ओर से भारत रत्न उनके पुत्र पीवी प्रभाकर राव ने प्राप्त किया.
डॉ एमएस स्वामीनाथन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने डॉ एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. डॉ स्वामीनाथन ने भारत को खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने में प्रमुख भूमिका निभाई थी. उन्हें 'भारत की हरित क्रांति के जनक' के रूप में जाना जाता है. कृषि से जुड़े प्रत्येक आयाम पर अपनी असाधारण समझ के साथ, उन्होंने अनुसंधान, शिक्षा और नई किस्मों तथा विधियों के विकास के लिए अनेक अभियानों का मार्गदर्शन किया. उन्होंने अपना पूरा जीवन सभी के लिए भोजन और पोषण सुरक्षा के लक्ष्य के लिए समर्पित कर दिया. वह "सर्वदा-हरित क्रांति" के दृष्टिकोण के साथ सस्टेनेबल एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने के लिए काम करते रहे. स्वर्गीय डॉ एमएस स्वामीनाथन की ओर से भारत रत्न उनकी बेटी डॉ नित्या राव ने प्राप्त किया.
कर्पूरी ठाकुर
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने कर्पूरी ठाकुर को भी मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. वंचित लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए अथक प्रयास करने वाले कर्पूरी ठाकुर ने बहुत सम्मान अर्जित किया था और लोगों ने उन्हें 'जन नायक' का दर्जा दिया था. कर्पूरी ठाकुर स्वतंत्रता सेनानी थे. वे समानता और समावेशी विकास के प्रबल पक्षधर थे. वे अपने जीवन की सादगी और निःस्वार्थ कार्यों के लिए जाने जाते हैं. स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की ओर से भारत रत्न उनके पुत्र रामनाथ ठाकुर ने प्राप्त किया.
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