- केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जिसमें 25 करोड़ से अधिक श्रमिक शामिल होंगे.
- वहीं, बिहार में इंडिया गठबंधन ने मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण के विरोध में चक्का जाम का ऐलान किया है.
- राहुल गांधी और तेजस्वी यादव सड़क पर उतरेंगे. महागठबंधन का आरोप है कि गरीब तबकों के पास तय 11 दस्तावेज नहीं हैं.
केंद्रीय श्रमिक संगठनों ने आज राष्ट्रव्यापी हड़ताल का आह्वान किया है, जबकि बिहार में इंडिया गठबंधन ने चक्का जाम का ऐलान किया है. ट्रेड यूनियंस 25 करोड़ श्रमिकों को लेकर भारत बंद की कमान संभाले हुए हैं. ट्रेड यूनियंस के मुताबिक, देशभर में बैंकों, बीमा दफ्तरों और कोयला खदानों के बंद रहने का आह्वान किया गया है, वहीं बिहार में विपक्षी दलों ने मतदाता गहन पुनरीक्षण के खिलाफ चक्का जाम का ऐलान किया है. बिहार और देश के अलग-अलग हिस्सों से विपक्ष के बंद, सड़क पर टायर जलाने और ट्रेनों को रोकने की खबरें आ रही हैं. बिहार की सड़कों पर आम जनजीवन के प्रभावित होने की पूरी संभावना है.
बिहार (Bihar Band News Today) में सुबह 6 बजे से ही विपक्ष का बंद
विपक्ष के पास कोई और विकल्प नहीं- राजीव रंजन
विपक्ष के बिहार बंद पर जेडीयू नेता राजीव रंजन ने कहा, "विशेष गहन पुनरीक्षण का कार्य सही दिशा में बढ़ रहा है. 4 करोड़ मतदाताओं के मतदाता प्रपत्र चुनाव आयोग के पास पहुंच गए हैं. विपक्ष को पता है कि बिहार में उनकी ज़मीन खिसकती जा रही है. चुनाव में भारी पराजय की कगार पर खड़े विपक्ष के पास चुनाव आयोग के हर फैसले पर नाराजगी जाहिर करने और लोगों को गुमराह करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.
पटना अपडेट: पूर्णिया से निर्दलीय सांसद पप्पू यादव 'बिहार बंद' के तहत प्रदर्शन कर रहे कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक पर पहुंचे.उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग को नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने देश के गरीब लोगों की जिंदगी बर्बाद की है.
पटना अपडेट: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राज्य विधानसभा चुनाव 2025 से पहले बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (S.I.R) के विरोध में सचिवालय हॉल्ट रेलवे स्टेशन पर रेलवे ट्रैक को जाम कर दिया.
पटना अपडेट: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी चुनावी राज्य बिहार में मतदाता सूची संशोधन के विरोध में शामिल होने के लिए पटना रवाना हुए. वहां पर वह विपक्ष के विरोध मार्च में शामिल होंगे.
भोजपुर अपडेट: मतदाता पुनरीक्षण के विरोध में बिहार के भोजपुर जिले के बिहिया स्टेशन पर श्रमजीवी एक्सप्रेस और विभूति ट्रेन को रोका गया.
जहानाबाद अपडेट: राजद की छात्र शाखा के सदस्यों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों और उनके सहयोगियों के संयुक्त मंच द्वारा आहूत 'भारत बंद' का समर्थन करते हुए जहानाबाद रेलवे स्टेशन पहुंचकर प्रदर्शन किया.
पटना अपडेट: बिहार की राजधानी पटना को जोड़ने वाले महात्मा गांधी सेतु को पूरी तरीके से बंद कर दिया गया है. सड़क के दोनों और गाड़ी की लंबी लाइन लगी है. जिनके ट्रेन एवं प्लेन का टिकट है वे लोग अपने कंधे पर सामान लिए कई किलोमीटर पैदल ही जाने को मजबूर हैं.
मुजफ्फरपुर अपडेट: बिहार के मुजफ्फरपुर में सुबह 6 बजे से ही आरजेडी के कार्यकर्ताओं ने सड़क पर प्रदर्शन शुरू कर दिया. टायर जलाकर सड़क जाम कर दी गई.
जहानाबाद: बिहार बंद के दौरान राजद समर्थकों ने पैसेंजर ट्रेन को रोका. जमकर की नारेबाजी. कोर्ट स्टेशन के पास ट्रेन रोकर किया प्रदर्शन.
हाजीपुर अपडेटः वोटर लिस्ट वेरीफिकेशन चुनाव आयोग के खिलाफ में सुबह-सुबह बिहार के हाजीपुर में बिहार बंद का बड़ा असर , सड़कों पर आगजनी कर किया चक्का जाम.
जहानाबाद में बिहार बंद के दौरान राजद कार्यकर्ताओं ने ट्रेन रोकी. चुनाव आयोग के खिलाफ नारेबाजी
मुजफ्फरपुर में बुधवार सुबह छह बजे से ही सड़क रोककर बैठे आरजेडी का कार्यकर्ता.
बिहार में आरजेडी का कार्यकर्ता सुबह से ही बंद के लिए सड़क पर उतर आए. सड़क पर टायर जलाकर जाम लगा दिया गया. मुजफ्फरपुर में सुबह 6 बजे इस तरह सड़क पर ट्रैफिक रोक दिया गया.
खगड़िया अपडेटः इंडिया गठबंधन के बंद का खगड़िया में भी असर. बंद समर्थकों ने खगड़िया के राजेंद्र चौक स्थित टायर जलाकर विरोध प्रदर्शन किया. राजद समर्थकों ने सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी. राजद समर्थकों ने कहा कि करोड़ों मतदाताओं का वोटर लिस्ट से नाम काटने की एक सोची समझी साजिश रची गई है.
बिहार में सड़क पर उतरेंगे राहुल-तेजस्वी
बिहार में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण अभियान पर विपक्षी दलों ने खुलकर मोर्चा खोल दिया है. इंडिया गठबंधन ने आरोप लगाया है कि निर्वाचन आयोग जिन 11 दस्तावेजों की मांग कर रहा है, वे दस्तावेज राज्य के गरीब तबकों के पास नहीं हैं. इससे करोड़ों नाम मतदाता सूची से हटाए जा सकते हैं. इसी मुद्दे को लेकर 9 जुलाई को महागठबंधन ने बिहार बंद का ऐलान किया है. लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सड़क पर उतरने की बात कही है. इस चक्का जाम में कांग्रेस, राजद, भाकपा माले, सीपीएम, सीपीआई जैसे तमाम प्रमुख विपक्षी दल शामिल होंगे. भाकपा माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीएम महासचिव एमए बेबी और सीपीआई के डी राजा भी इस बंद में शामिल हैं.
पटना में निर्वाचन कार्यालय तक विरोध मार्च
बंद के दौरान सुबह 9:30 बजे पटना में आयकर गोलंबर से मुख्य निर्वाचन कार्यालय तक विरोध मार्च निकाला जाएगा. यह मार्च वीरचंद पटेल पथ और शहीद स्मारक होते हुए मुख्य निर्वाचन अधिकारी के दफ्तर तक जाएगा. वहां विपक्षी दल घेराव करेंगे और पुनरीक्षण प्रक्रिया पर तत्काल रोक की मांग करेंगे.
महागठबंधन की मांग है कि यह प्रक्रिया आगामी विधानसभा चुनावों के बाद कराई जाए ताकि किसी भी वर्ग का वोटिंग अधिकार छिन न जाए. मंगलवार को इस बंद की तैयारी को लेकर सभी दलों ने बैठक की और कार्यकर्ताओं से अपील की कि आम लोगों को समझाकर इस आंदोलन में शामिल किया जाए. कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने पार्टी मुख्यालय में वरिष्ठ नेताओं से रणनीति बनाई और उनकी जिम्मेदारियां तय कीं. बंद के समर्थन में पूरे राज्य में चक्का जाम की चेतावनी दी गई है, जिससे यातायात व्यवस्था खासतौर पर राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे सेवाओं पर असर पड़ सकता है
भारत बंद: 25 करोड़ कर्मचारियों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल
मंगलवार को पूरा देश एक बड़ी औद्योगिक और श्रमिक हड़ताल का गवाह बनने जा रहा है. 10 केंद्रीय श्रमिक संगठनों और उनके सहयोगी संगठनों ने निजीकरण, लेबर कोड और श्रमिक अधिकारों के हनन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है. ट्रेड यूनियनों का दावा है कि इस हड़ताल में 25 करोड़ से ज्यादा श्रमिक शामिल होंगे. बैंक, बीमा, डाक, कोयला खनन, निर्माण, और कई राज्यों में परिवहन सेवाएं इस हड़ताल से प्रभावित हो सकती हैं. खासकर सरकारी और कोऑपरेटिव बैंक बंद रहने की आशंका है. पोस्ट ऑफिसों का कामकाज रुक सकता है. राज्य परिवहन बसें, खासकर ओवरलोड वाले क्षेत्रों में, ठप हो सकती हैं. बीमा कंपनियों जैसे LIC के कार्यालयों में कामकाज ठप रहेगा.
ट्रेड यूनियनों की क्या हैं मांगें?
- चार लेबर कोड को रद्द किया जाए
- सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों का निजीकरण रोका जाए
- मनरेगा जैसे ग्रामीण रोजगार कार्यक्रमों को मजबूत किया जाए
- न्यूनतम मजदूरी और सामाजिक सुरक्षा की गारंटी दी जाए
भारत बंद का कम असर होने की संभावना
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC) की अमरजीत कौर के अनुसार, ये हड़ताल केवल शहरी नहीं, बल्कि ग्रामीण भारत से भी जुड़ी है. संयुक्त किसान मोर्चा और कृषि मजदूर संगठन भी इस आंदोलन में साथ हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में रैलियों और सभाओं का आयोजन होगा. हालांकि रेलवे और टूरिज्म को इस बार हड़ताल से बाहर रखा गया है ताकि बुनियादी सेवाओं पर न्यूनतम असर हो. लेकिन इतने बड़े स्तर की हड़ताल से असुविधा की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.
पहले भी 2020, 2022 और 2024 में ऐसी हड़तालें हो चुकी हैं, लेकिन ट्रेड यूनियन नेताओं का कहना है कि इस बार की हड़ताल इसलिए अलग है क्योंकि यह मजदूरों और किसानों दोनों के साझा मंच पर लड़ी जा रही है. अभी तक सरकार की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.