पंजाब के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बीच तीखी नोकझोंक के बाद आज शुरू हुए विधानसभा के विशेष सत्र में, राज्य के नेता प्रतिपक्ष प्रताप सिंह बाजवा ने आम आदमी पार्टी द्वारा बुलाए गए विश्वास मत का विरोध करते हुए कहा कि विश्वास प्रस्ताव लाना राज्यपाल के अधिकारों को चुनौती है. उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, "मैं सदन के पटल पर इसकी निंदा करता हूं." कांग्रेस और अकाली दल के विधायकों ने ट्रेजरी बेंच द्वारा विश्वास प्रस्ताव पेश करने पर कड़ा विरोध किया है.
राजस्थान कांग्रेस में चल रहे संकट पर कटाक्ष करते हुए, भगवंत मान ने कांग्रेस पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा, "अब वे हमें कानूनों के बारे में सिखाएंगे? पहले, उन्हें अपना घर व्यवस्थित करने के लिए कहें." वहीं, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रविवार को राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर राजभवन और आप सरकार के बीच कई दिनों तक चली खींचतान के बाद 27 सितंबर को सदन बुलाने की मंजूरी दे दी है.
अध्यक्ष कुलतार सिंह संधवान ने कहा कि सदन की कार्य मंत्रणा समिति ने सत्र की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है. आप सरकार ने पहले कहा था कि 27 सितंबर के प्रस्तावित सत्र का इस्तेमाल पराली जलाने और बिजली क्षेत्र के मुद्दों पर चर्चा के लिए किया जाएगा.
आप ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी की सरकार को 117 सदस्यीय सदन में 92 विधायकों के साथ भारी बहुमत प्राप्त है, लेकिन केंद्र में भाजपा और उसकी सरकार ने तथाकथित 'ऑपरेशन लोटस' के माध्यम से राज्य में सरकार को गिराने का प्रयास किया. मंत्री अमन अरोड़ा ने आज कहा, "इसलिए, यह हमारा कर्तव्य है कि पंजाब के तीन करोड़ लोगों को बताया जाए कि उन्होंने हमें जो जनादेश दिया है, उसके लिए कोई खतरा नहीं है."
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