इंजीनियर राशिद J&K चुनाव के लिए जेल से आएंगे बाहर, टेरर फंडिंग केस में 2 अक्टूबर तक मिली जमानत

इंजीनियर राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था. 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. इंजीनियर राशिद ने जेल में रहते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने बारामूला सीट से जीत हासिल की थी.

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नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के बारामूला सीट से लोकसभा सांसद इंजीनियर राशिद (Engineer Rashid) को टेरर फंडिंग केस (Terror Funding Case) में मंगलवार को बड़ी राहत मिली. दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने राशिद को 2 अक्टूबर तक के लिए अंतरिम जमानत दे दी है. राशिद को ये जमानत जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2024) के मद्देनजर मिली है. इस दौरान वह विधानसभा चुनाव का प्रचार करेंगे. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा के चुनाव हो रहे हैं. वोटिंग 3 फेज में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर तक होगी.

इंजीनियर राशिद को 2016 में जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत अरेस्ट किया गया था. 2019 से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वताली की जांच के दौरान सामने आया था, जिसे NIA ने घाटी में आतंकवादी समूहों और अलगाववादियों को कथित तौर पर फंडिंग करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इंजीनियर राशिद ने जेल में रहते हुए इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ा था. उन्होंने बारामूला सीट से जीत हासिल की थी.

इंजीनियर राशिद का असली नाम शेख अब्दुल राशिद है. वो जम्मू-कश्मीर आवामी इत्तेहाद पार्टी के संस्थापक और संरक्षक हैं. इससे पहले वो हंदवाड़ा के लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जम्मू-कश्मीर विधानसभा के सदस्य थे.

2008 में इंजीनियरिंग का करियर छोड़कर राजनीति में रखा कदम
इंजानियर राशिद ने 2008 में कॉन्सट्रक्शन इंजीनियरिंग का करियर छोड़कर राजनीति में कदम रखा. साल 2008 और 2014 के विधानसभा चुनावों में वह एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लंगेट निर्वाचन क्षेत्र से जीते. इसके बाद उन्होंने जम्मू-कश्मीर अवामी इत्तेहाद पार्टी की स्थापना की. राशिद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में जेल से चुनाव लड़ते हुए बारामूला सीट से पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष सज्जाद लोन को हराया.

बेटों ने किया था प्रचार, कैंपेनिंग में खर्च हुए 27 हजार रुपये
इंजीनियर राशिद लोकसभा चुनाव में बारामूला सीट से करीब 2 लाख वोट से जीते थे. उन्हें 4.72 लाख वोट मिले. राशिद खुद तो जेल में थे, लेकिन जेल के बाहर उनके लिए 23 साल के बड़े बेटे और 21 साल के छोटे बेटे ने प्रचार किया. खास बात ये है कि राशिद के बेटों को चुनाव प्रचार के लिए सिर्फ 10 दिन मिले थे. राशिद के पूरे प्रचार पर सिर्फ 27 हजार रुपये खर्च हुए थे.
 

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